लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ के लक्ष्य के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों के आशाजनक नतीजे मिल रहे हैं। उन्होंने कोविड से बचाव व उपचार की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री जी आज वर्चुअल माध्यम से प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 9,391 मामले आये हैं। यह संख्या 24 अप्रैल, 2021 को संसूचित 38 हजार मामलों से लगभग 29 हजार कम है। पिछले 24 घण्टों में 23,045 संक्रमित व्यक्ति उपचार के बाद डिस्चार्ज किये गये हैं। वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 1,49,032 है, जो 30 अप्रैल, 2021 की अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या 3,10,783 से 1,61,751 कम है। इस प्रकार 30 अप्रैल के सापेक्ष वर्तमान में अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या में 52 प्रतिशत की कमी आयी है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर अब 89.8 प्रतिशत हो गई है। विगत दिवस में कुल 2,55,110 कोविड टेस्ट किये गये। अब तक प्रदेश में लगभग 4.5 करोड़ कोरोना टेस्ट किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि होम आइसोलेशन के मरीजों को प्रत्येक दशा में 24 घण्टे के अन्दर मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए। ग्रामीण इलाकों में संचालित स्क्रीनिंग के वृहद अभियान में लक्षणयुक्त अथवा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को निगरानी समिति द्वारा तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध करायी जा सके, इसके लिए निगरानी समितियों को पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए। लक्षणयुक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिकल किट निगरानी समिति द्वारा ही उपलब्ध करायी जाए, क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के पास सबसे पहले निगरानी समिति ही पहुंचती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निगरानी समिति द्वारा लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल किट उपलब्ध कराने के साथ ही, ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जाए। यह सूची इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आई0सी0सी0सी0) को उपलब्ध कराई जाए। आई0सी0सी0सी0 इन व्यक्तियों के एण्टीजन टेस्ट के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम को भेजे। साथ ही, सम्बन्धित को मेडिकल किट उपलब्ध कराये जाने का सत्यापन भी करे। निगरानी समिति द्वारा तैयार की गयी सूची जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित जनप्रतिनिधि को भी उपलब्ध करायी जाए, जिससे वे भी संक्रमित व्यक्ति से संवाद स्थापित करते हुए फीडबैक प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्था को टीम लगाकर चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए। इसके अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों पर मेडिकल उपकरणों को कार्यशील स्थिति में रखा जाए तथा साफ-सफाई की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों की पेंटिंग भी करायी जाए। साथ ही, पेयजल, शौचालय, बिजली आदि की व्यवस्था को भी दुरुस्त रखा जाए। उन्होंने कहा कि सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आवश्यक मैनपावर की तैनाती कर ली जाए। इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार आयुष के डाॅक्टरों को भी तैनात किया जाए। यह कार्य 03 दिन की अवधि में पूर्ण कर लिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के सी0एच0सी0 व पी0एच0सी0 में मैन पावर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और सम्बन्धित जिलाधिकारी आवश्यकतानुसार भर्ती की तैयारी अभी से कर लें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर्स व आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर कार्यशील अवस्था में रहने चाहिए। वेंटिलेटर्स के संचालन के लिए एनेस्थेटिक्स व टेक्नीशियन भी उपलब्ध रहने चाहिए। सभी जनपदों में ‘108’ सेवा की 75 प्रतिशत एम्बुलेंस का प्रयोग कोविड कार्यों में किया जाना चाहिए। समस्त जिलों में कोविड बेड की उपलब्धता में निरन्तर वृद्धि किये जाने के साथ ही, इनके लिए आवश्यक मैन पावर की भर्ती की जाए। ग्रामीण इलाकों में सी0एच0सी0 चिन्हित करते हुए प्रत्येक में 10 से 15 बेड पर ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय तथा जिला महिला चिकित्सालयों के बाद घनी आबादी वाले क्षेत्रों की सी0एच0सी0 में ऑक्सीजन प्लाण्ट लगाये जाएं। उन्होने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए। इस सम्बन्ध में भारत सरकार को पत्र भेजकर आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाए। दवाओं सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं को जमाखोरी और कालाबाजारी में लिप्त लोगों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी मेडिकल काॅलेजों में 100 बेड का पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) वाॅर्ड तैयार किया जाए। आगामी 15 दिनों में सभी जनपदों में एक-एक पीकू की स्थापना की जाए। इसके तहत प्रथम चरण में जिला महिला चिकित्सालयों का चयन प्राथमिकता पर किया जाए। चिकित्सा शिक्षा विभाग को बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज एवं के0जी0एम0यू0 तथा स्वास्थ्य विभाग को इन्सेफ्लाइटिस से प्रभावित जनपदों में पीकू की स्थापना का अनुभव है। इस अनुभव का लाभ लेते हुए सभी जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल काॅलेजों के पीडियाट्रिशियन, टेक्नीशियन्स, पैरामेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण कराया जाए। आशा वर्कर व आंगनवाड़ी कार्यकत्र्रियों की भी चरणबद्ध ट्रेनिंग करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यवस्थित, निर्बाध और प्रभावी ढंग से संचालित की जाए। जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर पूरी कार्ययोजना के साथ वैक्सीनेशन की कार्यवाही का प्रभावी प्रबन्धन किया जाए। वैक्सीनेशन का कार्य सुचारु ढंग से सभी वैक्सीनेशन सेण्टर पर चलता रहे, इसके लिए एक माह की प्लानिंग पहले से होनी चाहिए। वैक्सीनेशन सेण्टर पर वेटिंग एरिया के साथ ही आॅब्जर्वेशन एरिया की व्यवस्था भी होनी चाहिए। वैक्सीनेशन सेण्टर पर भीड़-भाड़ न हो, इसके लिए प्लानिंग के साथ जिनका वैक्सीनेशन होना है, उन्हें ही सेण्टर पर बुलाया जाए। वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में व्यापक जागरूकता का प्रयास किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन के कार्य में काॅमन सर्विस सेण्टर (सी0एस0सी0) का व्यापक उपयोग किया जाना है। निरक्षर, दिव्यांग, निराश्रित अथवा अन्य जरूरतमन्द लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए सी0एस0सी0 पर टीकाकरण पंजीयन की सुविधा देने का निर्णय लिया गया है। काॅमन सर्विस सेण्टर के माध्यम से पंजीयन कराने वाले पात्र श्रेणी के लोगों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। इस सन्दर्भ में आवश्यक आदेश जारी कर दिये जाएं। ग्राम्य विकास विभाग, नगर विकास विभाग व आई0टी0 एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग काॅमन सर्विस सेण्टर को प्रभावी ढंग से एक्टिवेट करें। बैठक में अवगत कराया गया कि आज से प्रदेश के 23 जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लोगों के वैक्सीनेशन का कार्य प्रारम्भ हो गया है। पूर्व में, यह 18 जनपदों में सम्पन्न हो रहा था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरे प्रदेश में स्वच्छता, सैनिटाजेशन एवं फाॅगिंग की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। इन कार्यों की सूची जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करायी जाए, जिससे इन कार्यवाहियों के सम्बन्ध में वे आमजन से फीडबैक प्राप्त कर सकें। कम्युनिटी किचन को प्रभावी ढंग से संचालित करते हुए जरूरतमंद व्यक्तियों के साथ ही, मरीजों के परिजनों को भी आवश्यकतानुसार फूड पैकेट उपलब्ध कराये जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न वितरण हेतु राशन की दुकानों पर एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पात्र व्यक्तियों को अनुमन्य मात्रा में खाद्यान्न प्राप्त हो। खाद्यान्न वितरण के दौरान राशन की दुकानों पर सेनेटाइजर की उपलब्धता रहे। राज्य सरकार द्वारा माह जून, 2021 से पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क तीन माह तक खाद्यान्न वितरण का निर्णय लिया गया है। इस सम्बन्ध में समय से सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।