31 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

महार रेजीमेंट के पूर्व सैन्य अधिकारियों एवं जवानों से मिलकर अपने स्वर्गीय पिता को याद कर भावुक हुए: मुख्यमंत्री

उत्तराखंड

देहरादून:  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री  आवास स्थित मुख्यमंत्री सेवक सदन में आयोजित 15 महार रेजिमेंट के स्थापना दिवस के अवसर पर रेजिमेंट के पूर्व सैन्य अधिकारियों को सम्मानित किया।

        मुख्यमंत्री ने पूर्व सैन्य अधिकारियों से भेंट के दौरान अपने स्व. पिता को याद कर भावुक नजर आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल्यकाल में जब वे अपने (स्वर्गीय) पिताजी से महार रेजिमेंट के वीर सैनिकों की शौर्य गाथाओं के बारे में सुनते थे तो मन में उत्साह और उमंग की भावना पैदा होने लगती थी। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि आज उन्हें आप सभी वीर सैनिकों से मुलाकात का सुअवसर प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “आप ने मेरे स्व. पिता के साथ कार्य किया है आप में मुझे अपने पिता की छवि नजर आ रही है। मैंने  जीवन में अनुशासन फौज से ही सीखा है। मेरा बचपन सेना के साथ बीता है। आपस में आदर का भाव प्रेरणा एवं सहयोग की भावना हमारी सेना की पहचान है।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर महार रेजिमेंट विविधता में एकता की भावना का बोध कराती है वहीं इसका प्रत्येक सैनिक भारत की महान संस्कृति व गौरवशाली सैन्य परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सेना के मान और सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे वीर सैनिक दुश्मन को उसके घर में घुस कर जवाब दे रहे हैं। जब भी दुश्मन ने ललकारा है भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब देते हुए दिखा दिया है कि उसके पास ताकत भी है और उचित जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है। भारत वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता और अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी बात रख रहा है। आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने वाला है। आज सेना के आधुनिकीकरण को भी एक नया आयाम दिया जा रहा है और डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और उनके द्वारा सैनिकों को दिए जा रहे प्रोत्साहन के कारण ही आज हमारी सेना पहले से कई गुना अधिक सशक्त है और सीमाएं पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हैं। सैनिकों द्वारा किए जाने वाले त्याग और उनकी राष्ट्र सेवा के ऋण को हम कभी नहीं चुका सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वह सेना में तो नहीं हैं परन्तु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्येक सैनिक की वीरता, साहस और बलिदान पर हर एक नागरिक को गर्व है। आप सभी हमारे आदर्श हैं और आपकी वीरता,साहस और अपराजेयता पर इस राष्ट्र को अभिमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आप सभी हैं, आपका ये हौसला है, आपका ये त्याग और तपस्या है। कोई मां भारती के गौरव को हानि नहीं पहुंचा सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में आज देश को जी-20 की अध्यक्षता का मौका मिला है। इसकी दो बैठकें उत्तराखण्ड में भी होनी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उत्तराखण्ड को आदर्श एवं अग्रणी राज्य बनाने के लिये हम प्रयासरत हैं। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के साथ पूरे देश का समग्र विकास हो, विकास की दिशा में हर क्षेत्र आगे बढ़े इसके लिये चौपालों का आयोजन कर समस्याओं का निदान तथा विकास कार्यों को गति प्रदान की जा रही है। प्रदेश में बेहतर सड़कों का विकास, औद्योगिक एवं पर्यटन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। राज्य का आर्थिक विकास हो इस दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रदेश सैन्य पृष्ठ भूमि का प्रदेश है। सैनिकों के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी कदम उठाये गये हैं।
इस अवसर पर पूर्व सैन्य अधिकारी सू.मे. प्रद्युम्न सिंह, आ. कै. सूरज मणि, ओम नारायण, रोशन लाल, केदार सिंह सहित बड़ी संख्या में अन्य पूर्व सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More