देहरादून: प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री प्रकाश पन्त की अध्यक्षता में विधान सभा सभा कक्ष में गन्ना विकास विभाग की सम्बन्ध में बैठक हुई।
निजी चीनी मिलों के कुल लगभग 851.97 करोड़ रू0 के भुगतान के सापेक्ष लगभग 339.75 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया गया है। सहकारी चीनी मिल नादेही, किच्छा, डोईवाला, बाजपुर के 217.87 करोड़ रूपये की अवशेष देनदारी है। जबकि 222 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया गया है। सहकारी चीनी मिल से सम्बन्धित कर्मचारियों के देयक, वेतन भत्ते से सम्बन्धित 37.25 करोड़ रूपये भुगतान करना है।
दीर्घकालिक समस्या सुधार रणनीति के तहत चीनी मिलों को आधुनिकीकरण किया जायेगा। इसके तहत 2 चीनी मिलों का यू0जे0वी0एन0एल0 से अनुबन्ध किया गया है। इसे शीघ्र प्रारम्भ किया जायेगा।
शुगर फेडरेशन प्रतिदिन शुगर मिल को एडवाइजरी जारी करके चीनी के दाम घोषित करेगी। प्रतिदिन के दाम का निर्धारण इण्डेक्स के आधार पर करेगी। इससे शुगर मिलों को यह अवसर मिलेगा कि वह रिटेल में निर्धारित न्यूनतम दाम से अधिक दाम पर भी अपनी चीनी बेच सकते हैं।
एथनाल अथवा सम्बन्धित उत्पाद बनाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट की मांग की गई। इससे चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जायेगा।
सितारगंज चीनी मिल के कार्मिकों के वेतन भत्ते एवं वीआरएस भुगतान देनदारी के लिए 132 करोड़ रू0 की आवश्यकता हैं। इसके भुगतान के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा।
पूर्व में बन्द गदरपुर चीनी मिल के खाली पड़े भूमि के उपयोग हेतु कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा। बैठक में बताया गया कि चीनी का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना 34.55 लाख कुन्तल से बढ़कर 41.50 लाख कुन्तल हो गया है।
बैठक में सचिव इन्दुधर बौडाई, महाप्रबन्धक उत्तराखण्ड शुगर ए0के0भट्टाचार्य, अधिशासी निदेशक किच्छा चीनी मिल दीप्ति सिंह, अधिशासी निदेशक डोईवाला चीनी मिल मनमोहन सिंह, महाप्रबन्धक चीनी मिल बाजपुर के0के0 मिश्रा इत्यादि मौजूद थे।