देहरादून: प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा सभा कक्ष में उत्तराखण्ड राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की बैठक की।
उत्तराखण्ड राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण के प्रबन्ध समिति की बैठक में कहा गया कि मत्स्य पालन और मत्स्य पालकों को बढ़ावा देने के लिए नवीन तकनीक का सहयोग लिया जाय। इसके अतरिक्त कहा गया कि टिहरी झील में महासीर को सुरक्षित और विकसित करने के लिए एक टैक्निकल व्यक्ति के नियुक्ति का प्रावधान किया जाए।
बैठक में मत्स्य पालन की उत्पादकता को बढ़ाने पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया एवं कहा गया कि मत्स्य उत्पादन में विभिन्न प्रजातियों के मछलियों की उत्तरजीविता बनाये रखने के लिए हर स्तर पर प्रयास करें।
हरिद्वार जनपद में ग्राम समाज के तालाब के लिए आक्सीजन जनरेटर परियोजना का भी अनुमोदन प्राप्त हुआ। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में पायलट प्रोजेक्ट के तहत नवीन तकनीक के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने की सहमति प्राप्त हुई थी। नार्वे के सहयोग से प्रस्तावित आक्सीजन जनरेटर का सहयोग लिया जायेगा। ग्राम समाज के तालाबों में प्रदूषण एवं अन्य कारणों से आक्सीजन की कमी रहती है। एक आक्सीजन जनरेटर की लागत 3.5 लाख रूपये है।
बैठक में उत्तराखण्ड राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण कार्य संचालन हेतु कंप्यूटर आॅपरेटर एवं अन्य कार्मिकों के आउटसोर्सिंग की सहमति प्राप्त हुई।
इस अवसर पर अपर सचिव वित्त ए.एस. चैहान, निदेशक मत्स्य डाॅ.बी.पी. मधवाल, एच.एन.बी. गढ़वाल विश्व विद्यालय के प्रो. प्रकाश नौटियाल, अधीक्षण अभियन्ता सिंचाई विभाग मनोज कुमार सिंह, अपर निबन्धक सहकारिता आनन्द शुक्ला इत्यादि अधिकारी मौजूद थे।