देहरादून: शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने मा. उच्च न्यायालय के आदेशें के अनुपालन के क्रम में सीबीएसई पाठ्यक्रम के गैर शासकीय विद्यालयों में एनसीईआरटी पुस्तकों के अतिरिक्त कतिपय विद्यालयों द्वारा पाठ्यक्रम में लाई गई अन्य पुस्तकों का एनसीईआरटी की दरों से अधिक मूल्य रखे जाने के संबंध में नामित किये गये नोडल अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही की भी समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान नोडल अधिकारियों द्वारा बताया कि कतिपय स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकों के साथ ही अन्य पुस्तकें भी चलाई जा रही है। एनसीईआरटी की पुस्तकों के अलावा अन्य किताबों को भी पाठ्यक्रम लगाने से अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों को मा. उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाये व संबंधित स्कूलों को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया जाए। प्रत्येक स्कूल द्वारा पाठ्यक्रम में लगाई गई पुस्तकों की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि एनसीईआरटी की पुस्तकों की कोई कमी न हो। किताबे समय पर स्कूलों में उपलब्ध हो। उन्होंने शीघ्र ही एनसीईआरटी के अधिकारियों से इस सबंध में बैठक करने के निर्देश भी दिये।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि महापुरूषों की जयंती व पुण्य तिथि पर स्कूलों मंे नियमित कार्यक्रम आयोजित किये जाए। प्रार्थना सभाओं में महापुरूषों के जीवन परिचय व उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी जाए। छात्र-छात्राओं से भी इस प्रकार की गतिविधियां कराई जाए। स्कूलों में वार्षिकोत्सव भी आयोजित किये जाएं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षक व शिक्षक दंपति जो कैंसर व किडनी से पीड़ित हों तथा उनका डायलेसिस होता हो या उनके बच्चे इन रोगों से पीड़ित हों उनकी अलग से सूची बनाई जाए। डायट में प्रशिक्षणार्थियों की संख्या के आधार पर ही योग्य प्रशिक्षकों को रखा जाए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 10 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में जिनमें छात्रों की संख्या बढ़ी है। ऐसे स्कूलों में जाकर वास्तिविक स्थिति का निरीक्षण कर लिया जाए। इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।