देहरादून: प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में महिला कल्याण सुरक्षा विषय पर बैठक की। उन्होंने कहा की ऐसी प्रक्रिया अपनायी जाए कि जिससे महिलाओं एवं बच्चों की मूल समस्या को समझकर हल किया जाए।
बैठक में जिला स्तरीय निरीक्षण समिति को सक्रिय रखकर प्रत्येक तीन माह में अनिवार्य निरीक्षण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सुनिश्चित करने को कहा गया। यह भी निर्देश दिया गया कि सोशल आडिट की टीम एक सप्ताह में बनाकर प्रेषित किया जायेगा। इस टीम में इस क्षेत्र मे कार्य करने वाले अनुभवी और विशेषज्ञों को शामिल किया जायेगा। निरीक्षण में मूक-बधिर जैसी समस्याओं के हल के लिए विशेषज्ञों की टीम भी रखी जाए। सभी जिलाधिकारियों को निरीक्षण रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में देने का निर्देश दिया जाए।
बैठक में कहा गया कि जनपद स्तर पर सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं की ऐसी सूची तैयार की जायेगी कि जिसमें अठारह वर्ष से अधिक अथवा कम उम्र की महिला कल्याण के सम्बन्ध में कार्य किया जा रहा है। यदि सूचीबद्ध सरकारी, गैर-सरकारी संस्थाओं के अतिरिक्त कोई संस्था चल रही हो तब इसकी जानकारी महिला कल्याण एवं बाल विकास निदेशालय को दें। इसके अतिरिक्त यदि कोई संस्था गैर कानूनी ढंग से चलाई जा रही, इसकी जानकारी भी दें।
बैठक में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सक्रिय करने पर बल दिया गया। महिला वर्कर्स के लिए बच्चों की देख-भाल के लिए क्रैच होम को सक्रिय करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों एवं जहाँ महिला वर्कर्स की संख्या अधिक है, आवश्यकतानुसार, ऐसे क्षेत्रों में क्रैच होम चिन्हीत कर लिया जाए।
इस अवसर पर महिला कल्याण एवं बाल विकास अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव राम विलास यादव, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी महिला कल्याण मोहित चैधरी एवं परिवीक्षा अधिकारी मीना बिष्ट इत्यादि मौजूद थे।