देहरादून: मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में उनके सभाकक्ष में उद्यान विभाग की हेम्प योजना के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने उत्तराखण्ड के किसानों व काश्तकारों की आय बढ़ाने और पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन की रोकथाम हेतु हेम्प के बीज और फाईबर की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में संबंधित विभागों द्वारा इसमें जरूरी योगदान देने पर चर्चा की गयी। मुख्य सचिव ने उद्यान व कृषि विभाग के साथ ही इंडियन इंडस्ट्रियल हेम्प एसोसिएशन से हेम्प के व्यावसायिक उत्पादन में लोगों का तथा विभिन्न कंपनियों की रूचि, अनुभव, सुझाव इत्यादि की जानकारी लेते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट उत्तराखण्ड के किसानों की आर्थिकी संवारने और पलायन रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण है और मा. मुख्यमंत्री की भी प्राथमिकता में है। उन्होंने कृषि एवं उद्यान विभाग को भारत सरकार के स्तर पर हेम्प एसोसिएशन द्वारा सीड के पंजीकरण हेतु लम्बित आवेदन का निस्तारण करते हुए इसके मेडिकल उपयोग के उद्देश्य से सम्बन्धित भारत सरकार के स्तर पर जरूरी पहल करने तथा इस संबंध में भारत सरकार के स्तर से मानक व मार्गदर्शन प्राप्त करके अगली बैठक में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें ताकि स्थानीय लोगों को हेम्प की व्यावसायिक खेती से जोड़ते हुए उनकी आर्थिकी को संवारा जा सके। साथ ही उन्होंने उद्यान विभाग को इस सम्बन्ध में जनवरी के अंत तक नीति (पॉलिसी) का ड्रफ्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने सीड कल्टिवेशन को प्रोटेक्टेड तरीके से उत्पादित करने तथा कमोडिटी उत्पादन को ओपन तरीके से उत्पादित कराने के पहलुओं को पॉलिसी में सम्मिलित करने के निर्देश दिए ताकि स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि विदेश से कमर्शियल उद्देश्य के लिए आयातित किये जाने वाले सीड के संबंध में स्थानीय हितों को देखते हुए विभिन्न देशों से इसके आयात की अलग-अलग तरह की शर्तों का डोजियर तैयार करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि आबकारी विभाग इस योजना के तहत नियमन का कार्य करेगा तथा उद्यान विभाग के अधीन एजेंसी कैप (सगंध पौध केन्द्र सेलाकुई) इसकी नोडल एजेंसी होगी व संबंधित अन्य एजेंसियां सैम्पलिंग, टेस्टिंग इत्यादि तकनीकी पहलुओं से संबंधित कार्य करेगी।