लखनऊ: जनपद सीतापुर में आवारा कुत्तों द्वारा बच्चों पर हमला कर उन्हें मार कर खाने की घटनाओं को प्रदेश सरकार ने गम्भीरता से लिया है। इस जिले की प्रभारी मंत्री डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी ने जनपद पहुंचकर इस सम्बन्ध में प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की। प्रभारी मंत्री ने आज खैराबाद में स्थानीय ग्राम प्रधानांे, नगर पालिका अध्यक्ष, मीडिया तथा गठित टीमों के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को इस समस्या से शीघ्र निपटने के निर्देश भी दिए। उन्होेंने कहा कि आवारा कुत्तों से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने इस आपात स्थिति से निपटने के लिए श्री अतुल मिश्रा, अपर निदेशक स्वास्थ्य विभाग, लखनऊ एवं श्री जे0डी0 गौतम, संयुक्त निदेशक पशुधन विभाग, उ0प्र0 लखनऊ के नेतृत्व में इन विभागों की टीम गठित कर प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए। इन अधिकारियों द्वारा जनपद में अपना कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
प्रभारी मंत्री जी के निर्देश पर लखनऊ नगर निगम द्वारा कुत्तों को पकड़ने हेतु पिंजरा, उपकरण एवं कुशल कर्मचारी भी जनपद के लिये उपलब्ध करा दिये गये हैं। इनके द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़ने का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। प्रभारी मंत्री स्वयं इस कार्य की समीक्षा प्रत्येक सप्ताह करेंगी। उन्होंने जिला प्रशासन को इस प्रकरण में पूरी तरह से सजग रहनेे के निर्देश दिए। उन्होंने सम्बन्धित विभागों से आपसी समन्वय स्थापित करते हुए इन घटनाओं पर जल्द नियंत्रण करने के भी निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जनपद सीतापुर की जिलाधिकारी श्रीमती शीतल वर्मा ने बताया कि जिले के खैराबाद थाना क्षेत्र में आदमखोर कुत्तों द्वारा 01 मई, 2018 को ग्राम कोलिया, गुरूपलिया एवं टिकरिया में कुल 03 बच्चों एवं 04 मई, 2018 को ग्राम महसिंहपुर उर्फ मासूमपुर, ग्राम बुढ़ानापुर में 01-01 बच्चे व इससे पूर्व माह नवम्बर, 2017 से 27 अप्रैल, 2018 तक ग्राम सरैंया मल्हुई, गोविन्दा सरांय, गुरपलिया, खुरेहटा, बद्रीखेड़ा, नेवादा एवं रहीमाबाद में कुल 8 बच्चों को शिकार बनाया गया है। इस प्रकार अब तक कुल 11 बच्चों को हिंसक आवारा कुत्तों द्वारा अपना शिकार बनाया गया है। साथ ही, इन कुत्तों द्वारा 06 अन्य बच्चों को गम्भीर रूप से घायल किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर पर्यवेक्षण हेतु अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) सीतापुर, अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी सीतापुर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सीतापुर, जिला पंचायत राज अधिकारी सीतापुर, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद सीतापुर की टीम गठित की गयी है। इससे पूर्व प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी, नगर मजिस्ट्रेट सीतापुर, उप जिलाधिकारी सदर, क्षेत्राधिकारी नगर तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सीतापुर की टीम गठित करके आवारा हिंसक कुत्तों के आतंक से जन सामान्य को राहत/सुरक्षा दिलाने के लिये उचित कार्यवाही कराने के निर्देश दिये जा चुके हैं। इन निर्देशों के क्रम में तहसील सदर सीतापुर में राजस्व, पुलिस, पशुपालन विभाग, वन विभाग के 04-04 व्यक्तियों की प्रभावित ग्रामवार चार टीमें गठित की गयी हैं, जो स्थानीय व्यक्तियों के साथ मिलकर जनमानस को जागरूक करने के साथ-साथ कुत्तों को पकड़ने का कार्य कर रहे हैं।
श्रीमती वर्मा ने बताया कि इस सम्बन्ध में आदमखोर कुत्तों को पकड़ने के लिए जनपद मथुरा से चार सदस्यीय टीम बुलाई गयी है, जो प्रभावित ग्रामों में जाकर आदमखोर कुत्तों को पकड़ने का कार्य कर रही है। इस टीम द्वारा कुल 22 कुत्तों को चिन्हित कर पकड़ा गया, जिनके नियमानुसार निस्तारण हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा गठित 05 पशु चिकित्सकों की टीम, जिसमें उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सदर, पशु चिकित्साधिकारी खैराबाद, पशु चिकित्साधिकारी रामकोट, पशु चिकित्साधिकारी बरई जलालपुर व पशु चिकित्साधिकारी ऐलिया जनपद सीतापुर शामिल हैं, का गठन किया गया है। इन कुत्तों को उपचार हेतु कान्हा उपवन, लखनऊ भेज दिया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र व सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बच्चों को अकेला पाकर इन कुत्तों द्वारा 04-06 की संख्या में अचानक हमला किया जा रहा है। गठित टीम द्वारा ग्रामीण जनता को इस सम्बन्ध में मुनादी पिटवाकर सचेत किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त तहसील सीतापुर के नायब तहसीलदार, थानाध्यक्ष खैराबाद, तहसीलदार, क्षेत्राधिकारी पुलिस, उप जिलाधिकारी एवं नगर मजिस्टेªट द्वारा भी क्षेत्र में भ्रमण करके इन घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावित गांवों की काम्बिंग की जा रही है। कुत्तों की संख्या काफी अधिक होने व उनका निश्चित ठिकाना न होने के कारण रोकथाम में कठिनाई महसूस की जा रही है। इसके लिए अतिरिक्त टीमों का गठन कर कार्यवाही की जा रही है।
श्रीमती वर्मा ने बताया कि मामले की गम्भीरता को देखते हुए 04 मई, 2018 को अपर जिलाधिकारी एवं अपर पुलिस अधीक्षक, उत्तरी, नगर मजिस्ट्रेट द्वारा गठित टीमों के साथ इस प्रकार की घटनाओं से प्रभावित लगभग 20 ग्रामों के प्रधानों, गणमान्य नागरिकों एवं जनप्रतिनिधिगणों के साथ बैठक कर इन घटनाओं की रोकथाम हेतु प्रभावी रणनीति बनाकर प्रयास किये जा रहे हैं।