प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, मंत्री रेखा आर्या द्वारा विधान सभा स्थित सभा कक्ष में आंगनबाडी कार्यकत्री और सहायिकाओं के सेवा सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए आंगनबाडी संगठनों के सदस्यो के साथ बैठक की गई।
बैठक में मुख्य रूप से आंगनबाडी कार्यकत्री, मिनी कार्यकत्री और सहायिकाओं के वेतन/मानदेय में वृद्वि की मांग रखी गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मा0 मंत्री ने निर्देश दिया कि इससे सम्बन्धित प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जायेगा। बैठक में विभिन्न आंगनबाडी संगठनों के सदस्यों द्वारा समस्या बताई गई कि मिनी आंगनबाडी केन्द्र पर कार्य करने वाली आंगनबाडी कार्यकत्री को कभी-कभी अधिक जनसख्या पर कार्य करना पडता है इसलिए यहॉ सहायिका का पद भी दिया जाय। इस सम्बन्ध में मा. मंत्री ने निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में एक सर्वे कर लिए जाए कि किन-किन स्थलों पर अधिक जनसंख्या के अनुपात पर मिनी आंगनबाडी कार्यकत्री कार्य कर रही है ताकि इसकी सूची तैयार करके पुनः समायोजन किया जा सके।
आंगनबाडी के विभिन्न संगठनों ने शीतकालीन-ग्रीष्म कालीन अवकाश के मॉग के सम्बन्ध में मा0 मंत्री द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि इस सम्बन्ध में अन्य राज्यों का अध्ययन कर लिया जाय। आंगनबाडी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं को चिकित्सा अवकाश लेने के सम्बन्ध में मा. मंत्री ने कहा कि पदोन्नति के समय उनकी सर्विस ब्रेक न समझा जाय।
जनपद में नियमित कार्य के अलावा अन्य सरकारी कार्यो में भी ड्यूटी लगाई जाती है। कई बार एक आंगनबाडी कार्यकत्री को अनेक कार्यालय द्वारा डयूटी के आदेश प्राप्त होते है। इस पर मा0 मंत्री ने सचिव को निर्देश दिया कि जिलाधिकारियों को पत्र लिखा जाय कि सभी ड्यूटी जिला कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से लगायी जाए ताकि ड्यूटी को तार्किक आधार पर लगाया जा सके। आंगनबाडी कार्यकत्रियों को नन्दा देवी गौरा योजना से लाभान्वित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा तथा महालक्ष्मी किट का लाभ भी दिया जायेगा। मा0 मंत्री ने कोरोना अवधि में आंगनबाडी कार्यकत्रियों के योगदान की सराहना की।
बैठक में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव, हरी चन्द्र सेमवाल, कार्यकारी निदेशक एस के सिंह, उप निदेशक अखिलेश मिश्रा, भारती तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।