देहरादून: प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखण्ड बीज एवं तराई विकास विभाग निगम के सम्बन्ध में बैठक की।
मा0 मंत्री जी ने कहा कि जैविक कृषि विधेयक लाया जाएगा , जिसका उद्देश्य राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देना एवं आॅर्गेनिक राज्य के रूप में इसका विकास करना है।
आज परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत 02 लाख एकड़ जमीन परिसर में आॅर्गेनिक फार्मिंग कर रहे है,इसके तहत 10 ब्लाकों को आॅर्गेनिक ब्लाक घोषित किया था,प्रथम स्तर पर इन ब्लाकों में किसी भी तरह के कैमिकल, पैस्टीसाइट, इन्सेस्टिसाइट की बिक्री को पूरी तरह प्रतिबन्धित करने का कार्य किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड को जैविक उत्तराखण्ड के ब्राण्ड के रूप में स्थापित करना है ताकि हमारे उत्पादों को देश-विदेश में मान्यता मिल सके।
उन्होने कहा कि जिन आॅर्गेनिक उत्पादों का भारत सरकार एम.एस.पी. घोषित नहीं करती है उन उत्पादों का एम.एस.पी. घोषित करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य होगा। साथ ही मण्डी परिषद् में रिवालविंग फण्ड जनरेट करने का निर्णय लिया गया तथा फण्ड के माध्यम से पूरे आॅर्गेनिक उत्पाद को मण्डी खरीदेगी और उसकी प्रोसेसिंग करने के बाद मार्केटिंग करेगी और जो लाभ होगा वह किसानों में बांट दिया जायेगा।
हार्टिकलचर सेक्टर में सरकारी नर्सरी को नर्सरी एक्ट में डाल दिया गया है, जिसके तहत सरकारी नर्सरी से निकली पौध अगर गुणवत्ता के विपरित होगी तो सजा एवं जुर्माने का प्राविधान होगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त, श्री ओम प्रकाश, सचिव कृषि, उद्यान एवं रेशम आर.मीनाक्षी सुन्दरम, एम.डी.टी.डी.सी. नीरज खैरवाल, वी.सी. पन्त नगर यूनिवर्सिटी डा. तेज प्रताप, वी.सी. यू.यू.एच.एफ. भरसार, जी.एम.टी.डी.सी. अभय सक्सेना तथा विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
