देहरादून: मंत्री सतपाल महाराज ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में बाढ़ सुरक्षा कार्यों की समीक्षा की। बैठक में अधिकारियों को बाढ़ सुरक्षा के उपायों पर निर्देशित किया कि विभागीय तैयारियों के सम्बन्ध में लापरवाही अक्षम्य होगी।
मंत्री ने सम्भावित बाढ़ ग्रस्त स्थानों का चिन्हीकरण के निर्देश दिये गये। यह भी कहा कि जिला आपदा प्रबन्धन कार्यालय से समन्वय करके, संवेदनशील स्थलों के चयन की सूचना दी जाय एवं बाढ़ नियंत्रण कार्यो के लिए प्रभावी उपाया कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि आई.आर.एस. और यू.सैक. से सम्पर्क कर सैटेलाईट सर्वे करा लिया जाय, तथा बाढ़ सम्भावित क्षेत्र की निगरानी की जाय। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय जल आयोग से समन्वय रखने का भी निर्देश दिया।
बैठक में तैनात नोडल अधिकारी द्वारा निरन्तर अनुश्रवण करने एवं त्वरित सूचना प्रणाली, मुनादि आदि करने के निर्देश दिया गया। रामनगर कस्बा को कोशी नदी से होने वाले खतरे के बचाव हेतु जिलाधिकारी को प्रभावी कदम उठाने हेतु पत्र लिखने का भी निर्देश दिया गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के माध्यम से सभी जनपदों से प्रतिदिन नदियों के जल स्तर तथा वर्षा के आंकड़े प्राप्त किये जा रहें हैं एवं संवेदनशील स्थानों की निरन्तर निगरानी की जा रही है। संवेदनशील स्थलों पर रेत से भरे बोरों तथा उचित स्थलों पर बोल्डर की व्यवस्था की गई।
जलाशयों के बन्धों की लगातार निगरानी की जा रही है। जलाशयों पर वायर लेस स्टेशन भी संचालित किये जा रहे हैं। प्रत्येक जनपद में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गये हैं तथा नोडल डिविजल के अधीशासी अभियन्ता द्वारा मानिटरिंग की जा रही हैं।
सभी जनपदों में बाढ़ स्टेरिंग कमेटियों का गठन जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में किया जा चुका है। केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में देहरादून में स्थापित किया गया है। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नं0 0135-2712223 है। प्रत्येक जनपद में सिंचाई विभाग द्वारा त्वरित सूचना प्रेषण हेतु व्हट्सऐप ग्रुप निर्माण किया गया है। नदियों के खतरनाक स्तर से ऊपर जाने पर लाउड स्पीकर द्वारा सूचित किया जा रहा है।
दिनांक 10 जुलाई, 2018 को अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ स्थानों पर सुरक्षा कार्यों में आंशिक क्षति हुई, जिन के तत्काल मरमम्त के निर्देश सिंचाई मंत्री द्वारा दिये गये। विकासखण्ड सहसपुर एवं डोईवाला में भारी वर्षा से 12 नहरें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई जिनकों पुनः ठीक करके संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं।