देहरादून: प्रकाश पंत, वित्त मंत्री, उत्तराखण्ड द्वारा केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं अध्यक्ष, जीएसटी परिषद् श्री अरूण जेटली से दिल्ली में भेंट की गयी, जिसमें जीएसटी लागू होने के पश्चात् संरचनात्मक कारणों से उत्तराखण्ड को हो रही राजस्व हानि के विषय में विस्तार से चर्चा की गयी। उल्लेखनीय है कि श्री पंत, द्वारा इस बिन्दु को दिनांक 21.07.2018 को जीएसटी परिषद् की 28वीं बैठक में उठाया गया था, जिसके क्रम में वित्त सचिव, भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड पर जीएसटी के प्रभाव के संबंध में अध्ययन हेतु राज्य का भ्रमण किया गया था। इस भ्रमण के दौरान संरचनात्मक कारणों से उत्तराखण्ड को हो रही राजस्व हानि को वित्त सचिव द्वारा भी स्वीकार किया गया था। जीएसटी लागू होने से पूर्व उत्तराखण्ड राज्य को केन्द्रीय बिक्री/स्टॉक ट्रांसफर पर आईटीसी रिवर्सल से कुल राजस्व का 34.5 प्रतिशत प्राप्त होता था, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर राजस्व की यह प्राप्ति मात्र 8 प्रतिशत थी। इस प्रकार जीएसटी लागू होने के पश्चात् उत्तराखण्ड का राजस्व प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है। उक्त तथ्य की पृष्ठभूमि में अध्यक्ष, जीएसटी परिषद् से उत्तराखण्ड के विशेष श्रेणी राज्य होने के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार/वित्त आयोग को जीएसटी के संरचनात्मक कारणों से हो रही राजस्व हानि की भरपायी हेतु परिषद् द्वारा अपनी अनुशंसाएं 15वें वित्त आयोग को प्रेषित किए जाने का अनुरोध किया गया।
जनसाधारण द्वारा उपभोग किए जाने वाले सस्ते बिस्कुट (मूल्य रू0 100.00 प्रति किलो तक) पर कर की दर 5 प्रतिशत किए जाने, का भी अनुरोध केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं अध्यक्ष, जीएसटी परिषद् से किया गया। भेंट के दौरान श्रीमती सौजन्या आयुक्त, राज्य कर, उत्तराखण्ड भी उपस्थित थी।