देहरादून: जिलाधिकारी रविनाथ रमन द्वारा जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में विश्व बैंक के प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों से आपदा से पूर्व की तैयारियों के सम्बन्ध में चर्चा की गयी।
जिलाधिकारी ने जनपद की आपदा से पूर्व प्रशिक्षण, अभ्यास, समन्वय इत्यादि के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होने कहा कि आपदा प्रबन्धन से सभी विभाग 24 घण्टे आपदा कन्ट्रोल से जुड़े रहते हैं तथा जनहित में 1077 टोल फ्री न0 जारी किया गया है। उन्होने कहा कि विशेष संसाधनों, तकनीक आदि के कारण हमारी आपदा से पूर्व की तैयारी उस स्तर की नही होती है किन्तु आपदा के पश्चात का सभी विभागों से समन्वय उत्तम होता है। उन्होने कहा कि जनपद में यू.एस.डी.एम.ए (उत्तराखण्ड आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण) के लिए कार्यालय बनने के कगार पर है, जिसके बनने के पश्चात सभी प्रकार के संयोजन में सहुलियत रहेगी। उन्होने कहा कि वर्षाकाल में पहाड़ों पर भूस्खलन की घटनाएं अत्यधिक घटित होती है तथा मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं जलभराव की समस्या रहती है। उन्होने कहा कि जनपद में समन्वय स्तर पर अच्छा रिस्पांस रहता है तथा जमीनी स्तर पर वाॅलिंटियर्स सिविल डिफेन्स की भूमिका के लिए प्रशिक्षित किये जाते हैं, साथ ही स्थानीय स्तर की जानकारी फिल्ड कर्मचारियों के माध्यम से प्राप्त की जाती है। उन्होने कहा कि विश्व बैंक के वित्तीय सहयोग से आपदा प्रबन्धन को महती सहायता मिलती है तथा आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं जुटाना आसान होता है। बैठक में विश्व बैंक के सदस्यों ने अपने अनुभव भी साझा किये तथा आपदा से निपटने की सभी सम्भावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गयी।
इस अवसर पर विश्व बैंक के सदस्य एडम कुरीडा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वीर सिंह बुदियाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ वाई.एस थपलियाल, उप जिलाधिकारी सदर, सी.ओ फायरमैन एस.के शाह, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी दीपशिखा रावत सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।