27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पशुपालन, कौशल विकास गन्ना विकास तथा दुग्ध विकास विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुएः सौरभ बहुगुणा

उत्तराखंड

प्रदेश के पशुपालन/दुग्ध विकास एवं मत्स्य पालन/गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग/कौशल विकास मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा द्वारा विधानसभा स्थित कक्ष में पशुपालन, कौशल विकास, गन्ना विकास तथा दुग्ध विकास विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।

माननीय मंत्री द्वारा निर्देश दिये गये कि उत्तर प्रदेश की भांति एवं अन्य पड़ोसी राज्यों के अनुरूप, विभिन्न विभागों स्तर से अपेक्षित कार्यवाही के क्रम में निराश्रित गौवंश के प्रबंधन हेतु समावेशी नीति का प्रस्ताव तैयार करें तथा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ऊधमसिंह नगर में पशुपालन विभाग को आवंटित सरकारी भूमि पर गौसदनों का निर्माण कर पीपीपी मोड में गैर सरकारी पशुकल्याण संस्थाओं/धर्मार्थ संस्थाओं के माध्यम से संचालित किये जाने का प्रस्ताव तैयार करें।

माननीय मंत्री ने राजकीय अनुदान चयन समिति की बैठक में केन्द्रीय अधिनियम-पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत दण्ड प्राविधानों के अति न्यून होने की स्थिति का संज्ञान लेते हुए निर्देशित किया कि दण्ड प्राविधानों को वर्तमान समय के अनुरूप संशोधित किये जाने हेतु पुनः भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करें।

बैठक में प्रदेश के 35 गौसदनों में शरणागत 9286 गौवंश हेतु रु0 83.33 लाख का भरण पोषण अनुदान आवंटित किये जाने का निर्णय लिया गया।

मा॰ मंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों का लगभग 75 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। रू॰ 50 करोड़ की एक और किश्त की मांग राज्य सरकार से की गई है। उन्होने कहा कि वर्तमान में गन्ना किसानों का 134 करोड़ का भुगतान अवशेष रह गया है, अवशेष भुगतान किये जाने की योजना बनाई जा रही है।

मा॰ मंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं की बेहतरी के लिए कौशल विकास के नये प्रस्तावों बनाये जाने के संबंध में केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान से चर्चा की जायेगी ताकि प्रदेश के विकास के लिए बेहतर प्रोजेक्ट लाये जा सके।

मा॰ मंत्री ने दुग्ध विकास विभाग के संबंध में कहा कि दुग्ध की प्रोत्साहन राशि जो रू॰ चार से रू॰ पांच करने तथा पर्वतीय क्षेत्रों में रू॰ 1 और मैदानी क्षेत्रों में रू॰ 0.50 इन्सेनटिव दिये जाने का शासनादेश निर्गत किया जाय।

मा॰ मंत्री ने कहा कि केदारनाथ यात्रा हेतु घोड़े, खच्चर प्रमुख माध्यम है। उन्होने बताया कि पशु क्रुरता के संबंध 09 लोगों पर एफ॰आई॰आर॰ दर्ज की गई है, वर्तमान में 6800 घोड़ों की जांच की गई है, 97 बीमार घोड़ों को यात्रा हेतु प्रतिबंधित किया गया है। पशु क्रुरता रोकने हेतु समिति गठित की गयी है। बैठक में पशुपालन, कौशल विकास, गन्ना विकास तथा दुग्ध विकास विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More