17.8 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

राज्य में लाइवलीहुड (आजीविका) की नई संभावनाओं के सबंध में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुएः सीएम

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में राज्य में लाइवलीहुड (आजीविका ) की नई संभावनाओं के सबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी विभाग 15 दिन में लाइवलीहुड प्लान एवं रिफॉर्म प्लान बनाकर मुख्य सचिव को अनुमोदन हेतु भेज दें। प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में राजस्व बढ़ाने के लिए भी 10 दिन में प्लान बनाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 के बाद प्रदेश की आर्थिकी में सुधार लाने एवं लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए हमें बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे। लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए शॉर्ट, मिड एवं लॉग टर्म प्लान बनाकर कार्य करने होंगे। हमारा पहला लक्ष्य कोविड-19 की वजह से जिन लोगों की आजीविका के संसाधन प्रभावित हुए हैं, उनके लिये विशेष प्रयास किये जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी पैकेजिंग, प्रोसेसिंग एवं मार्केंटिंग की दिशा में कार्य किये जाय। उत्तराखण्ड में मेडिसनल एवं ऐरोमेटिक प्लांट की दिशा में अनेक संभावनाएं हैं। मेडिसनल एवं एरोमेटिक प्लांट पर कार्य के साथ वन विभाग एवं हॉर्टिकल्चर विभाग को फल, फूल, वनस्पति एवं बी-कीपिंग की दिशा में कार्य करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी ब्रांडिंग पर भी ध्यान देना होगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे योजना पर विशेष ध्यान दिया जाय। होम स्टे के साथ ही मेडिसनल एवं न्यूट्रेशन वेल्यू के आहारों को प्रमोट करने की जरूरत है। कृषि के क्षेत्र में क्लस्टर एप्रोच को बढ़ावा दिया जाय। कोविड की वजह से जो प्रवासी आये हैं, उनको रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए किन-किन क्षेत्रों में लोगों ने कार्य करने की अधिक इच्छा जाहिर की है, उन सेक्टरों को चिन्हित की जाय। उनकी योग्यता के अनुसार उद्योगों से भी रोजगार स्थापित करने के लिए समन्वय स्थापित किया जाय। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जाय। विभिन्न योजनाओं के तहत जो लोग स्वरोजगार करना चाहते हैं, उनको लोन लेने में समस्या न हो, इसके लिए बैंकों से निरन्तर समन्वय स्थापित किया जाय।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में लोगों की आजीविका के संसाधन बढ़ाने के लिए कृषि के साथ ही अन्य एक्टिविटी के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जाय। फार्मर सेन्ट्रिक एप्रोच पर और कार्य करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों में तेजी लाने के लिए विभागों को विभिन्न प्रकार के क्लीयरेंस की प्रक्रियाओं को आसान करना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि एवं पर्यटन ऐसे क्षेत्र हैं, जो लोगों को त्वरित लाभ पहुँचा सकते हैं। त्योहारों एवं उत्सवों पर स्थानीय उत्पादों को अधिक बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है।
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि कोविड के कारण जो लोग उत्तराखण्ड वापस आये हैं, कितने लोग यहीं रहकर कार्य करना चाहते हैं, उनकी शैक्षिक एवं अन्य योग्यताओं का विश्लेषण एवं किस-किस क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं, इसका सर्वे होना जरूरी है। अगले तीन माह में हम लोगों को आजीविका से कैसे जोड़ सकते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के लिए उनको प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं करनी होंगी। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को आजीविका से जोड़ने के लिए अनेक योजनाएं लाई गई हैं। हमें इसके सफल क्रियान्वयन के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड प्रत्येक गांव के लोगों की सूची को टारगेट किया जाय, उनकी आजीविका को बढ़ाने के लिए और भी प्रयासों की जरूरत है। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने एवं आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। इस अवसर पर प्रदेश में आजीविका को बढ़ाने के लिए अधिकारियों ने अपने सुझाव दिये।
बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्री आर.के.सुधाशु, श्री अमित नेगी, श्रीमती राधिका झा, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, श्री दिलीप जावलकर, श्रीमती सौजन्या, श्री हरबंस सिंह चुघ, डॉ. रणजीत सिन्हा, अपर सचिव डॉ. एम.एस बिष्ट आदि उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More