देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में धाद संस्था के प्रतिनिधियों ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रदेश में हरेला पर्व को सरकारी तौर पर आयोजित किये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हरेला पर्व प्रकृति से जुड़ा पर्व है। उत्तराखण्ड के लोग स्वाभाविक रूप से प्रकृति प्रेमी रहे हैं। हरेला के प्रति राज्य वासियों का स्वाभाविक लगाव है। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व के दौरान ही इस वर्ष रिस्पना एवं कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिये रिस्पना क्षेत्र में 2.50 लाख तथा कोसी क्षेत्र में 1.67 लाख पौधों का रोपण किया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिये धाद संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश में सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देने वाली संस्थाओं का स्वागत है। उन्होंने कहा कि प्रकृति को महत्व देने की भी हमारी परम्परा रही है। प्रकृति के विभिन्न रूपों की हम पूजा करते है। हमारे लोकगीत तथा पर्व भी प्रकृति प्रेम एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं। हमें प्रकृति संरक्षण, प्रेम की अपनी संस्कृति तथा उत्सवों को मनाये जाने की परम्परा को बनाए रखना होगा। इस अवसर पर संस्था के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को हरेला का प्रतीक पौध भी भेंट किया।