देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। विभिन्न राज्यों के साथ समन्वय एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत उत्तराखण्ड के भ्रमण पर आये इन अधिकारियों में एम्बेसडर ऑफ इंडिया टू द रिपब्लिक ऑफ सुरीनाम श्री महेन्द्र सिंह कन्याल, निदेशक(एडीपी) विदेश मंत्रालय भारत सरकार श्री कार्तिक पाण्डे, डिप्टी चीफ ऑफ मिशन, एम्बेसी ऑफ इंडिया तेहरान श्री देवेश उत्तम, काउंसलर (पॉलिटिकल) हाई कमीशन ऑफ इंडिया जार्जटाउन, गुयाना श्री आर.के.परिन्दिया, डायरेक्टर डिजारमामेंट, विदेश मंत्रालय श्री मयंक जोशी सम्मिलित थे।
विदेश सेवा के इन अधिकारियों का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शुमार करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी पहल की जा रही है। पर्वतीय राज्य होने तथा लगभग 71 प्रतिशत वन क्षेत्र होने के कारण राज्य में औद्योगिकीकरण के लिये भूमि की उपलब्धता सीमित है। बावजूद राज्य में 03 हजार एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। देश व दुनिया के निवेशक राज्य के प्रति आकर्षित हो इसके लिये अक्टूबर में इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड इसकी थीम रखी गयी है। सिंगापुर, जापान आदि देश इसमें भाग ले रहे हैं।
इस अवसर पर लगभग 800 निवेशकों के आने की संभावना है तथा लगभग 20 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद है। देश के प्रमुख उद्यमी इसमें प्रतिभाग करेंगे। उद्योगपति श्री मुकेश अम्बानी पूरे प्रदेश में ओ.एफ.सी. के माध्यम से संचार सुविधाओं तथा धार्मिक क्षेत्रों के विकास में मदद के लिये आगे आये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सर्विस सेक्टर के प्रति विशेष ध्यान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन हमारी आर्थिकी का महत्वपूर्ण विषय है। इसके लिये पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। टिहरी झील को पर्यटक गतिविधियों का केन्द्र बनाया जा रहा है। विलेज टूरिज्म की दिशा मे कदम बढ़ाये गये है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना बनायी गयी है। युवाओं को पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध हों, इसके लिये योजनाएं बनायी गयी है। वर्षा जल संरक्षण की दिशा में भी पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में व्यापक जन सहयोग से जल संरक्षण की दिशा में पहल की गयी है। रिस्पना से ऋषिपर्णा तथा कोषी नदी के पुनर्जीविकरण के लिये रिस्पना नदी के किनारे 2.50 लाख पौध तथा कोषी में 1.80 लाख पौधे लगाये गये है। जिसमें से 90 प्रतिशत पौध जीवित है। नैनीताल झील को बचाने के लिये भी कार्ययोजना बनायी गयी है, क्योंकि झील से ही नैनीताल का महत्व है। उन्होंने कहा कि यहां के वनों के अध्ययन के लिये देशभर से वन सेवा से जुडे अधिकारी भी आ रहे है।
विदेश सेवा के अधिकारियों ने कहा कि उत्तराखण्ड का सौन्दर्य स्वीट्जरलैंड से भी बेहतर है। यहां के चारधाम व अन्य पर्यटक स्थल जैसे हरिद्वार व ऋषिकेश पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। उन्होंने राज्य में मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही पहल की सराहना की तथा जल संचय की दिशा में पहाड़ों की झीलों व झरनों के जल संचय की दिशा में प्रयास की बात कही। उन्होंने राज्य के विकास में सहयोग का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।