देहरादून: राज्य में खेलों के लिए अनुकूल वातावरण विकसित करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने हेतु यह वर्ष संस्थागत खेलों के लिए समर्पित रहेगा। खेलो का राज्य कैलेण्डर नवम्बर तक तैयार कर लिया जाये। प्रचलित खेलों के अतिरिक्त ग्रामीण खेलों को समुचित प्रोत्साहन तथा लोकप्रिय बनाने हेतु जिला स्तर पर कार्ययोजना बनायी जाये इसके लिए जिला स्तरीय आयोजन समिति का गठन किया जाए। राष्ट्रीय खेलों मे राज्य की भागीदारी बढ़ाने हेतु राष्ट्रीय खेलों की जिला तैयारी समिति प्रत्येक जिले में गठित की जाए। ब्लॉक, जिला तथा राज्य स्तर पर खेल प्रोत्साहन हेतु समुचित प्रयास किये जाये। बॉलीबाल के साथ कब्बडी तथा रेसलिंग के शो आयोजित किए जाए। गत वर्ष की विजेता प्रतिभाओं को इस वर्ष सम्मानित किया जाये। गुरूवार को खेल विभाग की सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा उपरोक्त निर्देश सम्बधित अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में खेल संस्कृति विकसित करने हेतु युवाओं में खेलो के प्रति उत्साह पैदा करना आवश्यक है। राज्य में खेलों के प्रति एक सकारात्मक वातावारण उत्पन्न करने हेतु ग्रामीण, बलॉक, जिला तथा राज्य स्तर पर खेलों के प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए। आधुनिक प्रचलित खेलों के अतिरिक्त उत्तराखण्ड के परम्परागत खेल जैसे मुर्गा झपट, गुल्ली डण्डा आदि को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। परम्परागत खेलों को मुख्य खेलो के आयोजन में एक मंच प्रदान किया जाना चाहिये। युवाओं को अधिक से अधिक शारीरिक खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया जाना चाहिये ताकि उनके मानसिक व शारीरिक विकास में मदद मिल सकें। खेलों को ग्रासरूट लेवल तक बढ़ावा देने हेतु ब्लॉक स्तर की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाना होगा। क्षेत्रीय या जिला स्तरीय खेल अधिकारी इसमें महत्वपूर्ण एवं रचनात्मक भूमिका निभा सकते है। प्रत्येक जिले की खेल समिति जिले की खेल प्रतिभाओ को प्रोत्साहित करने के साथ ही खेल प्रतिभाओ व राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सम्मानित भी करें, इससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य के खेल लोगो को शीघ्र अंतिम रूप दिया जाए। तथा इसके प्रदर्शन की कार्यवाही भी शीघ्र अमल में लायी जाए। उन्होंने 2018 में होने वाले राष्ट्रीय खेलो की अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान देने को कहा। राज्य की अधिक से अधिक प्रतिभाएं इन खेलों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। इसके व्यापक प्रयास किये जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने मुख्य रूप से युवाओं में खेलों का जज्बा पैदा करने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष आयोजित ग्रामीण खेलो को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष संस्थागत खेलों पर ध्यान दिया जाए। इसका भी कलेण्डर बनाया जाना आवश्यक है। वालीवॉल आदि खेलों की सामग्री युवा खिलाड़ियों को उपलब्ध करायी जाए।