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हरिद्वार में मेला नियंत्रण भवन में अर्द्धकुम्भ मेला 2016 की समीक्षा करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को हरिद्वार में मेला नियंत्रण भवन में अर्द्धकुम्भ मेला 2016 की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्थायी प्रकृति के कार्य दिसम्बर, 2015 तक पूरे कर लिये जाय। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। शासन स्तर पर लंबित स्वीकृतियों को शीघ्र जारी करने के लिए अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिये गये।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्थायी प्रकृति के कार्यों के लिए 250 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके साथ ही अस्थायी कार्यों के लिए भी 202 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अर्द्ध कुम्भ मेले की व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली जाय। लोक निर्माण, सिंचाई, पेयजल, स्वास्थ्य, ऊर्जा आदि विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर योजनाओं को जल्द पूरा करे। विभागों द्वारा जो भी कार्य कराये जा रहे है, उसकी थर्ड पार्टी क्वालिटी ऐशोरेन्स अवश्य करा ली जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने समीक्षा के दौरान लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यों की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में मायापुर स्केप चैनल एवं गंगा नदी दक्षद्वीप एवं बैरागी कैम्प को जोड़ने हेतु तथा बैरागी कैम्प से गौरीशंकर द्वीप को जोड़ने हेतु स्टील गार्डर सेतु के निर्माण कार्य अभी तक केवल 25 प्रतिशत ही हुआ है, इसे जल्द पूरा किया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन निर्माण कार्यो की प्रगति 25 प्रतिशत या उससे कम है, उन पर जल्द काम पूरा किया जाय। ज्वालापुर (लालपुर) के पास 90 मी. विस्तार के स्टील गार्डर सेतु का निर्माण कार्य में तेजी लायी जाय। सिंचाई विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि हरकी की पैड़ी के सामने बनने वाले स्थायी सेतु का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने नाराजगी व्यक्त की कि नीलकण्ड धाम, पौड़ी में महिलाओं एवं पुरूषों हेतु 10-10 कुल 20 शैया बैरक निर्माण कार्य धीमी रफ्तार से चल रहा है। उन्होंने कहा कि मेला अवधि हेतु पुलिस विभाग को जिन-जिन उपकरणों की आवश्यकता है, उसकी व्यवस्था तत्काल की। ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की कि विभाग द्वारा अभी तक कार्य शुरू नही किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि एक सप्ताह में निविदा आदि प्रक्रियाएं शुरू कर ली जाय। मेला अवधि में शहर में नई हाईमास्ट लाइट व मिनी हाईमास्ट लाईट लगायी जाय। फायर सर्विस को आधुनिक उपकरण उपयोग में लाये जाय। वीडियों सर्विलांस एवं संचार उपकरणों की भी व्यवस्था की जाय। इसके लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाएं समय पर पूरी कर ली जाय। सुलभ शौचालयों की स्थापना व मरम्मत समय पर कर ली जाय। उन्होंने शहर की यातायात व्यवस्था के लिये बी.ओ.टी. के आधार पर ओवर ब्रिज निर्माण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बस अड्डे का आधुनिकीकरण किया जाय।
बैठक में मेला अधिकारी एस.मुरूगेशन ने बताया कि अर्द्ध कुम्भ मेले हेतु कुल 51 कार्य स्वीकृत है। जिसकी लागत 186 करोड़ रुपये है। इसके सापेक्ष अब तक 81 करोड़ रुपये जारी कर दिये गये है। शासन स्तर पर 88 कार्यों के लिए 68 करोड़ रुपये प्रस्ताव लंबित है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा अब तक 18 योजनाओं पर कार्य शुरू कर लिया गया है, जो दिसम्बर, 2015 तक पूर्ण हो कर लिये जायेंगे। इसी प्रकार से सिंचाई एवं पेयजल विभाग द्वारा भी कार्य शुरू कर लिया गया है। पुलिस विभाग द्वारा 35 योजनाओं पर कार्य शुरू कर लिया गया है। थर्ड पार्टी क्वालिटी ऐशोरेन्स श्रीराम इंस्टीटयूट फाॅर इंडस्ट्रीयल रिसर्च नई दिल्ली व सिंचाई अनुसंधान संस्थान रूड़की द्वारा कराया जा रहा है।

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