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वित्त आयोग के सदस्यों ने तेलंगाना के शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की

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नई दिल्ली: 15वें वित्त आयोग के सदस्यों ने आज तेलंगाना के शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान विभिन्न कारणों से यूएलबी पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के असर से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। मनोरंजन कर का विलय करना एवं राज्य सरकार द्वारा यूएलबी को क्षतिपूर्ति करना, पूरे राज्य में मुफ्त जल की आपूर्ति करना और विभिन्न परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थापित विशेष उद्देश्य वाहनों या विशेष कंपनियों (एसपीवी) के कार्यकलाप इन कारणों में शामिल हैं। बैठक के दौरान 16 मार्च, 2015 को गठित राज्य वित्त आयोग (एसएफसी-I) से जुड़े मुद्दे पर भी फोकस किया गया। इस आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट पेश करना अभी बाकी है।

तेलंगाना के विभिन्न यूएलबी के बारे में राज्य द्वारा दी गई बुनियादी सूचनाएं निम्नलिखित हैं-

(i)    तेलंगाना नगरपालिका अधिनियम 1965, तेलंगाना नगर निगम अधिनियम 1994 और वृहद हैदराबाद नगर निगम अधिनियम 1965 ऐसे अधिनियम हैं, जिनके तहत यूएलबी के स्व-गवर्नेंस के लिए प्रावधान किया गया है।

(ii)    संविधान की 12वीं अनुसूची में परिकल्पित 18 कार्यकलापों में से 17 कार्यकलाप यूएलबी को सौंपे गए हैं।

(iii)   वर्ष 2017-18 तक का लेखा-जोखा रखा गया है और वर्ष 2016-17 तक इनका ऑडिट हुआ है।

(iv)   16 मार्च, 2015 को गठित तेलंगाना के एसएफसी-I द्वारा अपनी रिपोर्ट 2 जनवरी, 2020 तक पेश किए जाने की आशा है। राज्य द्वारा फिलहाल एसएफसी- III (पूर्ववर्ती आंध्र प्रदेश द्वारा गठित) की सिफारिशों के अनुरूप धनराशि या फंड जारी किया जाता रहा है।

(v)    यूएलबी के प्रत्येक स्तर पर स्थानीय निकायों की संख्या (जनवरी 2019 तक) नीचे दी गई हैः

यूएलबी स्थानीय निकायों की संख्या
नगर निगम 6
नगरपालिकाएं 136
कुल 142

वर्ष 2018 में राज्य की 23 नगर पंचायतों का अद्यतन नगरपालिकाओं के रूप में किया गया है।

राज्य द्वारा यूएलबी के राजस्व स्रोतों का उल्लेख नीचे किया गया हैः

(i)    विभिन्न यूएलबी के राजस्व के मुख्य स्रोत ये हैं: स्वयं का कर राजस्व (ओटीआर) और गैर-कर राजस्व (एनटीआर)

(ii)    वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 में नगर निगमों के स्वयं का राजस्व इनके कुल राजस्व के 65 प्रतिशत के आसपास रहा। वर्ष 2016-17 से लेकर वर्ष 2017-18 तक नगर निगमों के स्वयं के राजस्व और कुल राजस्व का अनुपात 52 प्रतिशत से बढ़कर 65 प्रतिशत और नगर पंचायतों के मामले में यह राजस्व अनुपात 52 प्रतिशत से बढ़कर 68 प्रतिशत हो गया।

(iii)   वर्ष 2017-18 के दौरान कुल राजस्व में अचल संपत्ति कर की हिस्सेदारी नगर निगमों, नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों के मामले में क्रमशः 38, 26 और 29 प्रतिशत रही।

स्थानीय निकायों पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट, 2016-17 के अनुसारः

(i)    वृहद हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) पर प्रदर्शन संबंधी ऑडिट के निष्कर्ष निम्नलिखित हैं:

      ए) जीएचएमसी सरकार द्वारा जारी भवन निर्माण नियमों के कार्यान्वयन के संबंध में अनुपालन सुनिश्चित नहीं कर सका। इससे बड़ी संख्या में अनधिकृत निर्माण हुए।

      बी) कचरे से ऊर्जा बनाने वाले संयंत्रों की स्थापना का कार्य मूर्त रूप नहीं ले सका।

      सी) जीएचएमसी जल क्षेत्रों के संरक्षण में विफल रहा। 17 झीलों का पता नहीं लगाया जा सका, जबकि 9 झीलों का पूरी तरह अतिक्रमण हो गया।

(ii)    शहरी विकास विभाग द्वारा कार्यान्वित कार्यक्रमों के लिए सामाजिक ऑडिट अभी शुरू होना बाकी है।

वित्त आयोग –XIV द्वारा यूएलबी को अंतरण

अनुदान तेलंगाना (करोड़ रुपये में) सभी राज्य (करोड़ रुपये में) कुल अनुदान के प्रतिशत के रूप में तेलंगाना को अनुदान
बुनियादी अनुदान 2711.12 69715.04 3.89 प्रतिशत
प्रदर्शन संबंधी अनुदान 677.78 17428.76 3.89 प्रतिशत

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