लखनऊः उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को और बढ़ाने तथा रोजगार सृजन के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील करने के उद्देश्य से प्रदेश के 18 मण्डलों के 20 जनपदों के 190 आदर्श दुग्ध विकास ग्रामों का चयन करने का निर्णय लिया गया है। इन चयनित आदर्श दुग्ध विकास ग्राम की दुग्ध समितियों को दुग्ध व्यवसाय करने की सभी सुविधायें उपलब्ध कराई जायेगी। इसके साथ ही इन समितियों को दुग्ध मूल्य का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित कराया जायेगा। चयनित जनपदों में वाराणसी व बरेली के दुग्ध संघ को 15-15, मिर्जापुर, प्रयागराज, चित्रकूट, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, अयोध्या, गोण्डा, झांसी, लखनऊ, अलीगढ़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ को 10-10 तथा कानपुर, बुलन्दशहर, आगरा तथा मथुरा को 05-05 आदर्श दुग्ध विकास ग्राम शामिल हैं।
पशुधन मंत्री ने यह निर्देश आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में अपर मुख्य सचिव दुग्ध विकास, प्रबंध निदेशक पीसीडीएफ, दुग्ध आयुक्त व विभागीय अधिकारियों के साथ दुग्ध समितियों के विस्तारीकरण के संबंध में आहूत बैठक की अध्यक्षता में दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि दुग्ध समितियों के विस्तारीकरण के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों की आर्थिक स्थिति को बेहतर किये जाने पर जोर दिया जाये। इसके साथ ही समितियों के सदस्यों, सचिवों एवं टेस्टर को तकनीकी जानकारियॉ उपलब्ध कराई जायेगी।
श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि समिति ग्राम में कृषक गोष्ठी का आयोजन पहले की तरह होता रहेगा। समिति के दुधारू पशुओं के लिए पशु आहार, मिनरल मिक्सर एवं पशुओं के लिए प्राथमिक चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध होगी। समितियों के सदस्यों को पशुपालन विभाग के सहयोग से बकरी पालन, भेड़ पालन के संबंध में तकनीकी जानकारी मिलती रहेगी। दुधारू पशुओं का टीकाकरण, थनैला रोग, टिक कन्ट्रोल, डिवर्मिंग एवं कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
पशुधन मंत्री ने कहा कि डेयरी सेक्टर में स्वरोजगार के साथ आमदनी की असीमित संभावनायें हैं। दुग्ध उत्पादन सेक्टर में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार दुग्ध उत्पादकों के साथ ही दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देकर दुग्ध उत्पादन में उ0प्र0 को नम्बर एक पर बनाये रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मा0 योगी जी ने उ0प्र0 की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है। पशुपालन विभाग एवं दुग्ध विकास विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अधिकतम सहयोग प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में रोड-शो एवं बिजनेस डीलिंग के माध्यम से निवेश जुटाने गयी मंत्रियों की टीम ने विभिन्न देशों में निवेश आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की है। भ्रमण के दौरान विदेशी निवेशकों ने डेयरी सेक्टर में निवेश के लिए काफी दिलचस्पी दिखाई है। इसको दृष्टिगत रखते हुए पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन सेक्टर को प्रदेश में बढ़ावा दिया जा रहा है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा0 रजनीश दुबे ने कहा कि आदर्श दुग्ध विकास ग्रामों के माध्यम से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आधारभूत परिवर्तन होगा और प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में पशुधन विभाग और दुग्ध विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि दुग्ध समितियांें के विस्तारीकरण के कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि आदर्श दुग्ध विकास ग्राम की दुग्ध समिति को दुग्ध व्यवसाय करने संबंधी सभी सुविधा उपलब्ध हो।
बैठक में दुग्ध आयुक्त श्री शशिभूषण लाल सुशील, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री कुणाल सिल्कू, पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पाण्डेय, दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव श्री राम सहाय यादव, संयुक्त सचिव दुग्ध विकास श्री करूणेश कुमार सिंह, पशुपालन निदेशालय के निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 इन्द्रमणि तथा निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा0 पी0के0 सिंह उपस्थित थे।