नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग-8 के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में शामिल हुए मोहम्मद शमी को बिना कोई मैच खेले भी करोड़ों की फीस मिलेगी। दरअसल शमी घुटने की चोट के कारण करीब तीन म हीने के लिए क्रिकेट फील्ड से दूर हो गए हैं, लेकिन आईपीएल के नियमों के चलते उनकी फ्रेंचाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स को उन्हें 50 फीसदी मैच फीस यानी कि करीब 2.12 करोड़ देनी ही होगी। दिल्ली ने शामी को 4.5 करोड़ रूपए में खरीदा था।
आईपीएल के नियम के मुताबिक जैसे ही खिलाड़ी को नीलामी के वक्त खरीदा जाता है और वह टीम कैम्प में रिपोर्ट करता है वह कॉन्ट्रैक्ट की रकम का 50 फीसदी का हकदार हो जाता है, फिर चाहे वह चोट के कारण एक भी मैच न खेल सके। आईपीएल गवर्निग काउंसिल के सदस्यों ने भी यह बात मानी है कि दिल्ली डेयरडेविल्स को शमी की सैलेरी का 50 फीसदी उसे देना ही होगा। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “नियमों के मुताबिक अगर शमी एक भी मैच खेले बिना भी टूर्नामेंट से बाहर हो जाते हैं और अगर वे ट्रायल मैच भी चोट के चलते नहीं खेल पाते हैं, तो भी फ्रेंचाइजी को उनकी फीस का 50 फीसदी उन्हें देना ही होगा। दिल्ली ने शमी को 4.5 करोड़ रूपए में खरीदा था तो उन्हें इसका आधा शमी को देना होगा।”
अधिकारी ने कहा, “बेशक शमी की चोट विश्व कप की है, लेकिन उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स के कैम्प में रिपोर्ट किया और इस कारण से फ्रेंचाइजी के पास अब कोई विकल्प नहीं है। उन्हें यह फीस चुकानी ही होगी।”
फीस के मामले में शमी का केस मुंबई इंडियंस के ओपनर एरॉन फिंच से बिलकुल अलग है। फिंच को हैमस्ट्रिंग इंजरी आईपीएल मैच के दौरान ही हुई थी, इसलिए उन्हें पूरी सैलेरी मिलेगी, ना कि 50 फीसदी।
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