देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को बीजापुर अतिथि गृह में सतर्कता विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान के रूप मे कार्य किया जाय। इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाय। सतर्कता विभाग को और सक्रिय किया जाय।
अगले तीन माह में विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार कर लिया जाय। सूचना देने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि देने का प्राविधान किया जाय। विभाग में अच्छा कार्य करने वाले कार्मिको के लिए भी इनसेंटिव देने की योजना तैयार की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को दूर करने में सतर्कता विभाग का अहम योगदान है। सतर्कता विभाग केवल छोटे प्रकरणों पर ही कार्यवाही न करे, बल्कि रिश्वत के रूप में अधिक धनराशि की मांग करने वालों के विरूद्ध भी कार्यवाही करंे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अभियान के रूप में हजारो धनराशि रिश्वत के रूप में लेने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करंे। विभाग भ्रष्टाचार के मामलो में छोटी ही नही बड़ी मछलियों को भी पकड़े। भ्रष्टाचार मिटेगा तो राजस्व भी बढेगा, चकबंदी व भूमि संबंधी मामलो में हो रहे भ्रष्टाचार पर भी विभाग नजर रखें। उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़े विभागों पर अधिक नजर रखी जाय। फिल्ड स्तर पर शिकायतें मिलती है, कि राजस्व, कृषि, समाज कल्याण, लोक निर्माण, सिंचाई आदि विभागांे के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अनावश्यक आम आदमी को परेशान किया जाता है। उन्होंने कहा कि सतर्कता विभाग को आम आदमी को विश्वास मे लेना होगा, कि उनकी सहायता के लिए सतर्कता विभाग तत्पर है। साथ ही किसी भी प्रकार और किसी भी स्तर पर किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा यदि रिश्वत की मांग की जाती है, तो उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही का प्राविधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सतर्कता विभाग वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अवश्यकतानुसार ढांचे के सुदृढि़करण के लिए प्रस्ताव तैयार करें। नई तकनीक से विभागीय कार्मिकों को प्रशिक्षण दे।
बैठक में गृह मंत्री प्रीतम सिंह, प्रमुख सचिव सतर्कता राधा रतूड़ी, एडीजी अशोक कुमार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।