देहरादून: प्रदेश की पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या और हिमाचल प्रदेश के पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कुंवर की संयुक्त अध्यक्षता में विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में पशुपालन की स्थिति में सुधार के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में दोनों मंत्रियों द्वारा उत्तराखण्ड और हिमाचाल में पशुधन सुधार के अन्तर्गत गाय, भेड़-बकरी को अधिक उत्पादक बनाने हेतु उनके नस्ल सुधार, भ्रूण प्रत्यारोपण, लिंग, वर्गीकृत गर्भाधान सहित आवारा पशु प्रबन्धन को बेहतर तरिके से करने और दोनों राज्य परस्पर मिलकर पशुपालन क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की गयी।
हिमाचल के पशुपालन मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखण्ड ने पशुपालन के क्षेत्र में बहुत अच्छा का काम किया है। विशेषकर भेड़ पालन के सम्बन्ध में तथा दोनों प्रदेशों की भौगोलिक परिस्थितियां एक जैसी होने के चलते दोनों एक साथ काम करने से दोनों को पशुपालन क्षेत्र में बहुत लाभ होगा और किसानों को भी अधिक लाभ होगा जो प्रधानमंत्री की किसानों की आय दोगुना करने के विजन में भी मद्दगार होगा। उन्होंने कहा कि हिमालच सरकार उत्तराखण्ड से गाय और भेड़पालन के क्षेत्र में अच्छे अनुभव का लाभ लेकर अपने यहाँ कार्यरत करना चाहती है। इसी परिपे्रक्ष्य में हिमाचल सरकार ‘गौ अरण्यक’ की शुरूआत करने जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह भी है कि कोई भी पशु सड़क पर ना रहे और उनकी नस्ल में सुधार करते हुए वे किसान के खूटे तक पहुँचें।
श्रीमती आर्या ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्थानीय गौधन और उससे उत्पादित दूध की ब्राण्डिंग करते हुए आगे बढा जाय और प्रदेश में पशुपालन के सम्बन्ध में जो भी सकारात्मक बातें सामने आति हैं। उनकों लोगों तक पहुँचाया जाय, जिससे अधिक-से-अधिक लोग लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि हिमाचल और उत्तराखण्ड दोनों आस्ट्रेलिया से अच्छी नस्ल की भेडें आयात कर रहे हें। जिससे भेड़ों की नस्ल में व्यापक सुधार आयेगा।
प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र में उत्तरखण्ड के अनुभव से लाभ लेने आये हिमाचल के पशुपालन मंत्री द्वारा आज हरिद्वार, श्यामपुर में अतिहिमीकृत वीर्य केन्द्र तथा पंतजलि संस्थान का भ्रमण किया साथ ही उन्होनें कालसी कृतिम गर्भाधन केन्द्र के भी निरीक्षण करने की बात कही।
इस अवसर पर सचिव पशुपालन आर.मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक के.के. जोशी, यूएलडीबी सीईओ डाॅ. एम.एस. नयाल, उत्तराखण्ड शिफ बोर्ड सीईओ अविनाश आनन्द, उत्तराखण्ड पशुपालन कल्याण बोर्ड से डाॅ0 आशुतोष जोशी सहित सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।