नई दिल्ली: गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह कल यहां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोगों के सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री न्यायमर्ति सिरियाक जोसेफ अध्यक्षीय भाषण देंगे। इस बैठक का आयोजन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग कर रहा है। बैठक में इस बात पर गौर किया जाएगा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोगों के कार्यकलापों को किस तरह मजबूत और प्रभावशाली बनाया जाय ताकि मानवाधिकारों को प्रोत्साहन और उनकी रक्षा की जा सके। देश के अब तक 25 राज्यों में राज्य मानवाधिकार आयोगों का गठन हो चुका है, जो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से स्वतंत्र और स्वायत्तशासी हैं। आयोग ने भारत सरकार से प्रस्ताव किया है कि केंद्रशासित प्रदेशों में मानवाधिकार आयोगों के गठन के लिए मानवाधिकार सुरक्षा अधिनियम, 1993 में संशोधन किया जाए।
सम्मेलन में मानवाधिकार सुरक्षा अधिनियम, 1993 में संशोधन करने के लिए संभावित सुझावों पर भी चर्चा की जाएगी ताकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोगों को और शक्तियां प्राप्त हो सकें। सम्मेलन में लोक सेवकों के अलावा अन्य तत्वों द्वारा मानवाधिकारों की अवहेलना से निपटने के लिए मानवाधिकार सुरक्षा अधिनियम, 1993 की धारा 12 (ए) और (जे) के दायरे पर भी चर्चा की जाएगी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग राज्य के मानवाधिकार आयोगों के साथ बैठक करता रहा है और आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन की अध्यक्षता में गठित समिति ने गृह मंत्रालय को मानवाधिकार सुरक्षा अधिनियम, 1993 की धारा 30 में संशोधन के लिए सिफारिशें भेजी हैं, ताकि अपराधों की पहचान करने के बाद समान प्रक्रिया के तहत मुकदमा चलाने के संबंध में ‘मानवाधिकार न्यायालयों का न्यायक्षेत्र एवं अधिकार’ स्पष्ट हो सके।