23.7 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आजादी का अमृत महोत्सव- 22वां भारत रंग महोत्सव 2022 का उद्घाटन किया

देश-विदेश

भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय भारत की आजादी के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इस अवसर पर, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), नई दिल्ली की ओर से 16 जुलाई से 14 अगस्त 2022 तक “आजादी का अमृत महोत्सव – 22वां भारत रंग महोत्सव, 2022 (आजादी खंड)” नामक एक उत्सव  आयोजित किया जा रहा है, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए “आजादी का अमृत महोत्सव 2022” के तहत किया जा रहा है। भारत सरकार के संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस उत्सव के शुरुआती कार्यक्रम का उद्घाटन किया। पद्म श्री से सम्मानित और प्रसिद्ध भारतीय लोक गायिका सुश्री मालिनी अवस्थी और श्रीअरविंद कुमार तथा संस्कृति मंत्रालय के निदेशक भी इस अवसर पर उपस्थित लोगों में शामिल थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के कई गुमनाम नायक हैं जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया है, फिर भी वे हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का हिस्सा नहीं बन पाए हैं। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 1913 में मानगढ़ में, उस क्षेत्र की जनजातियों को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया, लेकिन अधिकांश लोग इस घटना से अच्छी तरह से अवगत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि थिएटर कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय को उन घटनाओं पर आधारित नाटक तैयार करने के लिए आगे आना चाहिए ताकि देश भर में ऐसे नायकों के बारे में नागरिकों को जागरूक किया जा सके और उनकी बहादुरी और साहस की गाथाओं से अवगत कराया जा सके।

सुश्री मालिनी अवस्थी ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता सेनानियों की प्रशंसा में भारत के बड़े हिस्से में गाए जाने वाले विभिन्न लोक गीतों के बारे में बताया। ऐसे कई गीतों को ब्रिटिश सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन लोक कलाकार उन्हें गाते रहे और इस तरह गुमनाम नायकों की गाथाओं को अगली पीढ़ी तक ले गए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो. (डॉ.) रमेश चंद्र गौर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उद्घाटन समारोह के बाद श्री बंसी कौल द्वारा निर्देशित नाटक “अरण्यधिपति तांतिया मामा” का मंचन किया गया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More