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जल शक्ति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2021 का शुभारंभ किया

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जल शक्ति राज्य मंत्री, श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-II के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2021 के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से श्री पंकज कुमार, सचिव, जलशक्ति मंत्रालय, श्री अरुण बरोका, अतिरिक्त सचिव, डीडीडब्ल्यूएस, अन्य डीडीडब्ल्यूएस अधिकारी, मीडियाकर्मी और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के एसबीएमजी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) देश भर के गांवों में ओडीएफ प्लस पहलों में तेजी लाने का समर्थन करने और ओडीएफ निरंतरता के लिए गति बढ़ाने के साथ-साथ ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) गतिविधियों में सुधार करने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2021 संचालित करेगा। इससे पहले डीडीडब्ल्यूएस ने 2018 और 2019 में दो अवसरों पर स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) कराया था।

सभा को संबोधित करते हुए, राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरक नेतृत्व और उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति के नेतृत्व में, भारत ने पांच वर्षों (2014-19) में मिशन मोड में काम करते हुए सभी गांवों को ओडीएफ घोषित करने की व्यापक चुनौती पार कर ली है। श्री पटेल ने आगे कहा कि भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ या आजादी का अमृत महोत्सव इस साल सांकेतिक दांडी यात्रा के साथ शुरू हो गया है। अब तक के सबसे महान स्वच्छता राजदूत, महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण स्वच्छता है, जो हमारे जीवन में इसके महत्व को रेखांकित कर रहा है।

राज्य मंत्री ने आगे कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान एसएसजी को शुरू करने का प्रयास एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है और इसमें राज्य सबसे बड़े साझेदार हैं। श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा ही लाखों लोगों के जीवन को बदलाव लाने में स्वच्छ भारत मिशन की शक्ति और महत्व पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री के विजन ने खुले में शौच की समस्या को समाप्त करने के लिए व्यवहार परिवर्तन की शुरुआत करने के अविश्वसनीय कार्य को भी पूरा किया, जिससे 10 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) भारत को बढ़ावा मिला। इसके अलावा उनके विजन ने जल सुरक्षा प्राप्त करने के लिए जल जीवन मिशन (जेजेएम) की भी अगुवाई की। चूंकि स्वच्छता एक अनंत यात्रा है, इसलिए एसबीएम (जी) के दूसरे चरण का उद्देश्य ओडीएफ निरंतरता और एसएलडब्ल्यूएम मुद्दों का समाधान करते हुए व्यापक स्वच्छता या संपूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य पाना है।

राज्य मंत्री ने आगे कहा कि तृतीय पक्ष की एजेंसी के सर्वेक्षण से आने वाले निष्कर्ष हमें जमीनी स्तर पर चुनौतियों की पहचान और सभी राज्यों के साथ काम करते हुए अंतराल को भरने में हमारी मदद करेंगे। नागरिकों का फीडबैक इस कार्यक्रम को मजबूत करेगा। एसएसजी 2021 मोबाइल ऐप को भी प्रमुख स्थानीय भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। सर्वेक्षण की अच्छी तरह से निगरानी की जाएगी और क्षेत्रों के लगातार दौरों के साथ मजबूती दी जाएगी।

उद्घाटन कार्यक्रम में जलशक्ति राज्य मंत्री ने एसएसजी 2021 प्रोटोकॉल दस्तावेज़; एसएसजी 2021 डैशबोर्ड और नागरिकों के फीडबैक के लिए मोबाइल ऐप को भी जारी किया। उद्घाटन के समय एसएसजी प्रोटोकॉल और सर्वेक्षण के कार्यान्वयन पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई।

श्री पंकज कुमार, सचिव, जल शक्ति मंत्रालय ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में स्वच्छ भारत के लिए एक आह्वान किया था और व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू किया गया था, जिसके दो प्राथमिक मानदंड – पारदर्शिता और जन-भागीदारी थे। इन मानदंडों का पालन करते हुए, कार्यक्रम ग्रामीण भारत में सभी के लिए सुरक्षित शौचालय तक पहुंच सुनिश्चित करने का अपना लक्ष्य पाने में सफल रहा। निर्धारित लक्ष्यों के संदर्भ में कार्यक्रम की सफलता का आकलन करने के लिए 2018 और 2019 में एसएसजी कराया गया था; अब स्वच्छता, पारदर्शिता और जन भागीदारी के लिए प्रतिबद्धता को बढ़ाने के लिए एसबीएमजी के दूसरे चरण में एसएसजी ने अति-महत्व प्राप्त कर लिया है। सर्वेक्षण हमें हाल के दिनों में कोविड महामारी के कारण आई चुनौतियों से निपटने और निकट भविष्य में हमारे गांवों द्वारा ओडीएफ प्लस का दर्जा पाने में मदद करेगा।

श्री अरुण बरोका, अतिरिक्त सचिव, डीडीडब्ल्यूएस, जल शक्ति मंत्रालय ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि एसएसजी के पिछले अनुभवों ने बताया है कि यह जिलों और राज्यों के बीच अपनी रैंकिंग में सुधार करने के लिए एक बहुत ही स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है। सर्वेक्षण हमें विशेष रूप से पिछले कुछ महीनों में कोविड महामारी के कारण आई अप्रत्याशित मंदी के कारण ओडीएफ प्लस गतिविधियों को आवश्यक गति देने का एक शानदार अवसर देता है। लगभग 17,475 गांवों की भागीदारी के साथ यह देश के सबसे बड़े सर्वेक्षणों में से एक है। यह न केवल कार्यक्रम और ओडीएफ प्लस लक्ष्यों का व्यापक प्रचार करता है, बल्कि इसके साथ ही स्वच्छता, समग्र साफ-सफाई और अपशिष्ट प्रबंधन में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए जिलों और राज्यों को भी जोड़ता है।

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