नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के विज्ञान और प्रौद्योगिकी, समाज कल्याण, एआरआई और प्रशिक्षण मंत्री श्री सज्जाद गनी लोन ने आज पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और कठुआ के पास गाती फेस-3 में स्थापित होने वाली बायोटेक पार्क परियोजना के बारे में विचार-विमर्श किया। देश के इस भाग में स्थापित होने वाली यह परियोजना अपने किस्म की पहली योजना है। उन्होंने विभिन्न विकास परियोजनाओं से संबंधित अन्य अनेक मुद्दों और राज्य के लिए बनाई नई पहलों के बारे में व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने श्री सज्जाद लोन को बताया कि कठुआ में स्थापित होने वाला प्रस्तावित बायोटेक पार्क न केवल जम्मू कश्मीर राज्य में व्यापक बदलाव लाएगा बल्कि यह देश के पूरे उत्तरी भाग के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह पार्क उत्तरी भारत में अपने किस्म का पहला ऐसा पार्क होगा जो लखनऊ के बाद यहां स्थापित किया जा रहा है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना की मंजूरी पिछले वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने दी थी। भूमि की मंजूरी के संबंध में कुछ परेशानी थी, जिसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से संपर्क किया गया और दिशा-निर्देशों को उपयुक्त रूप से संशोधित किया गया। अब यह परियोजना लगभग 100 करोड़ रुपये के बजट से निर्माण के दौर में है और 18 महीने की अवधि में इसके पूरा हो जाने की उम्मीद है, इसके बाद इस क्षेत्र के पहले बायोटेक पार्क में कामकाज शुरू हो जाएगा।
श्री सज्जाद गनी लोन ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जम्मू और कश्मीर राज्य से पूरा सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया है और इस प्रतिष्ठित परियोजना के पूरा करने के लिए उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इस परियोजना की निगरानी करेंगे ताकि यह परियोजना समय पर पूरी हो जाए।
राज्य के लिए पहले बायोटेक पार्क को प्राप्त करने के लिए डॉ जितेंद्र सिंह की सराहना करते हुए श्री सज्जाद गनी लोन ने कहा कि इससे न केवल विकास के नए युग की शुरूआत होगी बल्कि यह परियोजना राजस्व जुटाने और रोजगार सृजन के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित होगी।