नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहिर ने कल नई दिल्ली में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अनिल माधव दवे से मुलाकात की तथा चारा बैंक निर्माण करने तथा वन क्षेत्रों में मवेशियों के चराई के लिए संरक्षित चारागाह बनाने के विषय में विस्तार से विचार विमर्श किया । श्री अहिर ने श्री दवे को बताया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा जून 2015 में एक निर्णय लिया गया था, जिसके अनुसार वन क्षेत्र में पशुओं के लिए चारा उगाने की योजना बनायी गई है।
इस योजना को लागू किए जाने से मवेशियों के लिए चारे की उपलब्धता बढ़ने के साथ-साथ दुग्ध व्यवसाय तथा पशुपालन व्यवसाय को बहुत लाभ होगा। इस काम में राज्य सरकारों की भी सहभागिता रहेगी। इस योजना का तत्काल लाभ उठाने के लिए इस योजना से संबंधित विनियम जल्दी बनाने की आवश्यकता है । श्री अहिर ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र सहित कई अन्य राज्यों में गोवंश हत्याबंदी कानून बनाए जाने से पशुओं की संख्या बढ़ रही है तथा उनके लिए तुरन्त प्रभाव से चारे की उपलब्धतता बढ़ाने तथा चारा बैंक स्थापित करने की योजना लागू करने की आवश्यकता है। देश में जहां वन क्षेत्र है वहां पर वन विभाग की भारी तादाद में अतिरिक्त भूमि खाली पड़ी हुई है। इस खाली भूमि को संरक्षित चारागाह के रूप में उपयोग में लाने की योजना पर अमल किए जाने से इन वन क्षेत्रों के साथ लगे गांवों के मवेशी विशेषकर गोवंश के लिए चारे की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे पशु संवर्धन एवं दुग्ध विकास के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में मवेशियों को आवश्यक पोषण युक्त चारा उपलब्ध होगा।
श्री दवे ने श्री अहिर को आश्वासन दिया है कि चारा बैंक निर्माण तथा वन क्षेत्र की खाली भूमि में संरक्षित चारागाह बनाने की योजना को शीघ्र ही लागू किया जाएगा।