नई दिल्ली: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने नई दिल्ली में जल जीवन मिशन पर राज्य के मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता की। सम्मेलन में 17 राज्यों से पेयजल के प्रभारी मंत्रियों और प्रधान सचिवों / सचिवों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य हाल ही में घोषित जल जीवन मिशन को लागू करने के तरीकों पर चर्चा करना था। इसके तहत 2024 तक देश के सभी ग्रामीण घरों को पेयजल आपूर्ति सुविधा से जोड़ा जाएगा।
जल शक्ति मंत्री ने 15 अगस्त, 2019 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री के भाषण का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने 2024 तक सभी घरों को जलापूर्ति उपलब्ध कराने की सरकार की नई योजना की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन लोगों की आकांक्षाओँ की पूर्ति करेगा जैसा कि आवास, शौचालय, बिजली, रसोई गैस, वित्तीय समावेशन, सामाजिक सुरक्षा/पेंशन, स्वास्थ्य देखरेख और सड़क के मामले में किया गया है।
उन्होंने जोर देते हुए बताया कि भारत में दुनिया की 16 फीसदी प्रतिशत आबादी रहती है जबकि देश में सिर्फ दुनिया के 4 फीसदी जल संसाधन हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने में भूमिगत जल का घटता स्तर, जल की गुणवत्ता में आती कमी, जलवायु परिवर्तन इत्यादि प्रमुख चुनौतियां हैं। उन्होंने देशभर से उपलब्ध सफल मॉडलों की चर्चा करते हुए सभी राज्यों से घरों में इस्तेमाल किए गए पानी को कृषि और सिंचाई में इस्तेमाल योग्य बनाने के लिए योजना बनाने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने सभी राज्यों से 2024 तक सभी घरों में पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य हासिल करने के लिए जन आंदोलन में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने को कहा।
जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने इस मौके पर कहा कि पेयजल मूलभूत आवश्यकता है और जल आपूर्ति सरकार के विकास एजेंडे के केंद्र में है। उन्होंने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे क्षेत्रीय संस्थाओं को अपने गांव में मिशन की गतिविधियों को पूरा करने के लिए उन्हें सक्षम बनाएं।
इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के मंत्रियों ने राज्य केंद्रित मुद्दे उठाए और उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से मिशन को सुचारू रूप से चलाने में मदद का आश्वासन दिया गया।