नई दिल्ली: केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री को भेजे आधिकारिक संवाद में राज्य के ग्रामीण इलाकों में कार्यशील घरेलू नल कनेक्शनों (एफएचटीसी) की स्थिति से जुड़ी अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। मुख्यमंत्री के साथ अपनी पिछली बैठक का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद मंत्रालय के एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएमआईएस) में नल कनेक्शन से जुड़ा डाटा अभी तक पूरी तरह दर्ज नहीं किया गया है।
भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन का 2019-20 से कार्यान्वयन हो रहा है, जिसका उद्देश्य नियमित और दीर्घकालिक आधार पर प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पीने योग्य जल उपलब्ध कराना है। जेजेएम का उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं और बालिकाओं पर कड़ी मेहनत का बोझ कम करके ग्रामीण आबादी के जीवन में सुधार करना है। राज्य इस परिवर्तनकारी मिशन को लागू कर रहे हैं, जिससे 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराकर समयबद्ध तरीके से लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
केन्द्रीय मंत्री ने अपने पत्र में आईएमआईएस में नवीनतम डाटा दर्ज करने के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर के डाटाबेस तक संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां, नीति आयोग, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, थिंक टैंक, मीडिया आदि की पहुंच है और संसद में प्रश्नों के जवाब देने के लिए भी इनका उपयोग किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) के मामले में राज्य/देश की प्रगति की निगरानी के लिए भी इस डाटा का उपयोग करती हैं। हालांकि, अभी तक राज्य ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध नल कनेक्शनों के रियल टाइम डाटा के लिए जल शक्ति मंत्रालय द्वारा किए गए कई अनुरोधों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अभी तक राज्य द्वारा जेजेएम-आईएमआईएस में सिर्फ आंशिक डाटा दर्ज किया गया है। इसके अभाव में, तेलंगाना में घरेलू नल कनेक्शन की स्थिति अभी तक नहीं पता चल सकी है।
इसके साथ ही मंत्री ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि बैठक में राज्य के 100 प्रतिशत एफएचटीसी हासिल करने के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन डाटा से राज्य के कुल 54.37 लाख ग्रामीण घरों में से सिर्फ 35.86 लाख घरों को नल कनेक्शन दिए जाने की बात का पता चलता है। यह अंतर चिंताजनक है और इससे भारी भ्रम पैदा होता है।
स्थानीय समुदाय की भूमिका पर जोर देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से पेयजल सुरक्षा हासिल करने के लिए जल आपूर्ति योजनाओं का दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए गांवों में जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना बनाने, कार्यान्वयन, प्रबंधन, परिचालन और रख-रखाव में स्थानीय ग्राम समुदाय/ग्राम पंचायतों और या उसकी ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति या उपयोगकर्ता समूहों को जोड़ने का आह्वान किया है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 2019-20 में तेलंगाना को 259.14 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था और इसमें से भारत सरकार सिर्फ 105.52 करोड़ रुपये जारी कर सकी है, क्योंकि राज्य सरकार भौतिक प्रगति की सूचना नहीं देने और उचित व्यय योजना जमा नहीं करने के कारण दूसरी किस्त लेने में नाकाम रही है। मंत्री ने राज्य को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के केन्द्र सरकार के विजन के बारे में भी बताया, क्योंकि पीने योग्य जल राष्ट्रीय प्राथमिकता है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए तेलंगाना के लिए कोष का आवंटन 259.14 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 412.19 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस प्रकार इस साल के आवंटन और 30.89 करोड़ रुपये के शुरुआती कोष के साथ तेलंगाना को जेजेएम के अंतर्गत इस साल केन्द्रीय कोष के रूप में 443.29 करोड़ रुपये मिलने हैं। यह उल्लेख भी किया गया है कि यदि राज्य केन्द्रीय कोष के उपयोग से जेजेएम के अंतर्गत जल आपूर्ति योजनाओं को आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं तो उन्हें एक वार्षिक कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है, जिसे सचिव, डीडीडब्ल्यूएस की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा स्वीकृति दी जाएगी। राज्य ने अभी तक वार्षिक कार्य योजना (2020-21) प्रस्तुत नहीं की है।
श्री शेखावत ने अपने पत्र में कहा, उन्हें उम्मीद है कि राज्य 2020-21 में सभी ग्रामीण परिवारों को 100 प्रतिशत नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लेगा और इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला राज्य बनेगा। साथ ही राज्य इस साल खुद ही ‘हर घर जल राज्य’ बन जाएगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री को केन्द्र सरकार की तरफ से हर सहयोग का भरोसा दिलाते हुए उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श करने की इच्छा जाहिर की।