देहरादून: प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मेला नियंत्रण कक्ष में जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा पुनरूद्वार मंत्री उमा भारती के साथ नमामी गंगे योजना पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नमामी गंगे योजना के लिए मानसिक एवं तकनीकि रूप से योजना बनाई गई है। उन्होंने जल संसाधन मंत्री से चण्डी घाट के निर्माण पर चर्चा हुई जिससे इस घाट का सुनियोजित तरीके से निर्माण हो सके।
उन्होंने गंगा में स्वच्छ जल के प्रवाह की योजना बनाये जाने के सम्बन्ध में चर्चा की। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि नमामी गंगे के अन्तर्गत जितनी भी योजनाएं बनाई जानी है उसका पूरा स्टीमेट एक सप्ताह के अन्दर बनाया जाए जिससे अर्द्ध कुम्भ तक इस योजना के तहत अधिक से अधिक कार्य पूर्ण किये जा सकें। उन्होंने कहा कि गंगा क्षेत्र से जुड़े पांचों राज्यों की नमामि गंगे योजना के लिए सकारात्मक पहल है, जो गंगा को स्वच्छ तथा अविरल रहने में पूर्ण सहयोग देंगे। उन्होंने कहा कि 2016 में होने वाले अर्द्ध कुम्भ में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु पैदल यात्रा के मार्गों पर पानी तथा शौचालयों की पूर्ण व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से हरकी पेड़ी क्षेत्र को ठीक तरीके से रेगुलेट किया जाए।
इस अवसर पर अर्द्ध कुम्भ के कार्यों की समीक्षा के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अर्द्धकुम्भ के सभी महत्वपूर्ण कार्य दिसम्बर 2015 तक पूर्ण कर लिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि शेष कार्य जनवरी के अन्त तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। उन्होंने जल संसाधन मंत्री से कुम्भ के कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से धन उपलब्ध कराये जाने आग्रह किया। जल संसाधन मंत्री ने इस सम्बन्ध में वित मंत्री से वार्ता करने का आश्वसान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार से शीघ्र बजट मिल जाता है तो स्थाई प्रकृति के कार्य ज्यादा बेहतर तरीके से सम्पन्न हो सकेंगे।