16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय बाजरा के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहा है: श्री तोमर

कृषि संबंधितदेश-विदेश

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम)-2023 बाजरा के वैश्विक उत्पादन को बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण और फसल चक्रण का बेहतर उपयोग करने तथा खाद्य बास्केट के एक प्रमुख घटक के रूप में बाजरे को स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) घोषित किया गया है।

श्री तोमर ने कृषि और किसान कल्याण विभाग और विदेश मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आईवाईओएम-2023 के प्री-लॉन्च उत्सव के लिए आयोजित लंचॉन के दौरान दिल्ली में उच्चायुक्तों/राजदूतों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य इसके माध्यम से बाजरे की घरेलू और वैश्विक खपत को बढ़ावा देना है।

IMG_256

श्री तोमर ने कहा कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, सभी राज्य सरकारों तथा अन्य हितधारक संगठनों के सहयोग से बाजरे का उत्पादन और खपत बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “अब समय आ चुका है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली अपना घ्यान बुनियादी कैलोरी से हटाकर वितरण कार्यक्रमों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एक विविध खाद्य बास्केट प्रदान करे, जिसमें प्री-स्कूल के बच्चों और गर्भधारण की आयु वाली महिलाओं की पोषण स्थिति में सुधार के लिए बाजरा शामिल हो।”

बाजरे के पोषण मूल्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए, श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार ने अप्रैल-2018 में बाजरे को पौष्टिक अनाज के रूप में अधिसूचित किया था और बाजरे को पोषण अभियान के अंतर्गत भी शामिल किया गया है।

IMG_256

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएमएस) के अंतर्गत 14 राज्यों के 212 जिलों में बाजरे के लिए पौष्टिक अनाज घटक लागू किया जा रहा है। इसके अलावा राज्यों की ओर से किसानों को अनेक प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है।

श्री तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय द्वारा दीर्घकालिक उत्पादन का समर्थन करने, उच्च खपत के लिए जागरूकता उत्पन्न करने, बाजार और मूल्य श्रृंखला विकसित करने तथा अनुसंधान-विकास गतिविधियों को वित्त पोषित भी किया जा रहा है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि 66 से ज्यादा स्टार्टअप को 6.25 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि प्रदान की गई है, जबकि 25 स्टार्टअप को आगे वित्तपोषित करने के लिए मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार बाजरे की खपत को बढ़ावा देने के लिए व्यंजनों और मूल्य-वर्धित उत्पादों में लगे स्टार्टअप उद्यमियों को सहायता प्रदान कर रही है।

भारत में 500 से ज्यादा स्टार्टअप बाजरे के मूल्य-वर्धित श्रृंखला में काम कर रहे हैं जबकि भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान ने आरकेवीवाई-रफ्तार के अंतर्गत 250 स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया है।

श्री तोमर ने कहा कि नीति आयोग और विश्व खाद्य कार्यक्रम का उद्देश्य चुनौतियों की पहचान और उनका समाधान व्यवस्थित और प्रभावी रूप से करना है। उन्होंने कहा कि “यह साझेदारी बाजरा को मुख्यधारा में लाने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी और अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में प्राप्त अवसरों का उपयोग करते हुए ज्ञान का आदान-प्रदान करने में भारत को वैश्विक रूप से अग्रणी भूमिका निभाने में सहायता करेगी।”

विदेश मंत्री श्री एस. जयशंकर ने इस कार्यक्रम में उच्चायुक्तों/राजदूतों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड, जलवायु परिवर्तन और युद्ध की पृष्ठभूमि में आज वैश्विक रूप से बाजरा की प्रासंगिकता बढ़ रही है।

डॉ. जयशंकर ने बल देकर कहा कि बाजरा खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमने कोविड का ऐसा दौर देखा है जिसने विश्व को याद दिलाया कि महामारी खाद्य सुरक्षा पर क्या-क्या प्रभाव डाल सकती है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पादन में कमी आ सकती है और व्यापार भी बाधित हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में, खाद्य सुरक्षा पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

IMG_256

श्री मनोज आहूजा, सचिव, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने अपने संबोधन में कहा कि महामारी ने छोटे और सीमांत किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करने की आवश्यतका पर ध्यान आकर्षित किया है और बाजरा इसके लिए सबसे अच्छे विकल्पों में से एक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि बाजरा एक जलवायु अनुकूल फसल है जिसका उत्पादन पानी की कम खपत, कम कार्बन उत्सर्जन और सूखे में भी किया जा सकता है।

बाजरा सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों का भंडार है। अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष, खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए बाजरे के योगदान में जागरूकता फैलाएगा, बाजरे का उत्पादन निरंतर करने और इसकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए हितधारकों को प्रेरित करेगा और अनुसंधान तथा विकास कार्यों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ध्यान आकर्षित करेगा।

एशिया और अफ्रीका बाजरे के प्रमुख उत्पादन और उपभोग करने वाले क्षेत्र हैं। भारत, नाइजर, सूडान और नाइजीरिया बाजरा के प्रमुख उत्पादक देश हैं। ज्वार और प्रोसो बाजरा (सामान्य बाजरा) क्रमशः 112 और 35 देशों में सबसे ज्यादा उगाए जाने वाले बाजरा हैं। ज्वार और पर्ल बाजरा 90 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्र और उत्पादन को कवर करते है। शेष उत्पादन में रागी (फिंगर मिलेट्स), चीना (प्रोसो मिलेट्स), फॉक्सटेल मिलेट्स (कांगनी) और अन्य गैर-पृथक बाजरा शामिल हैं।

भारत बाजरा का प्रमुख उत्पादक देश है जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी और छोटे बाजरा के साथ-साथ कंगनी, कुटकी या छोटा बाजरा, कोडोन, गंगोरा या बार्नयार्ड, चीना और ब्राउन टॉप शामिल हैं। भारत के अधिकांश राज्य एक या एक से ज्यादा बाजरा की प्रजातियों की खेती करते हैं। पिछले 5 वर्षों की अवधि में, हमारे देश में 13.71 से 18 मिलियन टन से बाजरा का उत्पादन हुआ जिसमें 2020-21 उच्चतम उत्पादन का वर्ष रहा है।

वर्ष 2021-22 के लिए चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, भारत में बाजरे का उत्पादन लगभग 16 मिलियन टन हुआ है, जो राष्ट्रीय खाद्यान्न बास्केट का लगभग 5 प्रतिशत है। इसकी बाजार में हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 9.62 मिलियन टन है, इसके बाद 4.23 मिलियन टन के साथ ज्वार का उत्पादन दूसरे स्थान पर है। रागी एक अन्य महत्वपूर्ण बाजरा है, जो देश के उत्पादन में 1.70 मिलियन टन का योगदान करता है और अन्य बाजरे का उत्पादन 0.37 मिलियन टन है।

IMG_256

शाकाहारी खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के लिए बाजरा एक वैकल्पिक खाद्य प्रणाली प्रदान करता है। बाजरा संतुलित आहार के साथ-साथ एक सुरक्षित वातावरण के निर्माण में योगदान देता है। ये मानव जाति के लिए एक प्रकृतिक उपहार है।

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने बाजरा को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा देने के लिए कई पहलों की शुरुआत की है। इस प्राचीन पौष्टिक अनाज (बाजरा) के संदर्भ में जागरूकता और सार्वजनिक भागीदारी की भावना उत्पन्न करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष-2023 के लिए माईगव प्लेटफॉर्म पर प्री-लॉन्च कार्यक्रमों और पहलों की एक श्रृंखला भी आयोजित की गई है। प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए माईगव प्लेटफॉर्म एक बहुत ही महत्वपूर्ण और सफल माध्यम बन चुका है।

इस कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि, श्री संजय वर्मा, सचिव, पश्चिम और दिल्ली में स्थित लगभग 100 उच्चायुक/राजदूत तथा दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More