केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज संयुक्त रूप से नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में एकीकृत चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीन पवार और आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपाडा महेंद्रभाई कालूभाई और आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा भी उपस्थित थे।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आयुष और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण दोनों मंत्रालय एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
केंद्रीय आयुष मंत्री महोदय ने कहा, “मुझे श्रोताओं को सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि कल ही नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन में प्रवेश किया, जो सफदरजंग अस्पताल के समान ही है।”
डॉ. मनसुख मंडाविया ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में एकीकृत चिकित्सा के लिए एक अलग खंड स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है, जो पारंपरिक उपचार के साथ पारंपरिक चिकित्सा को जोड़ती है। सरकार ने ध्यान, योग और सभी पहलुओं तथा गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले मंचों पर 1,50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए हैं।
उन्होंने यह भी कहा, “आने वाले दिनों में दोनों मंत्रालय सभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों में एकीकृत चिकित्सा के लिए एक अलग विभाग बनाने और अनुसंधान की व्यवस्था करने के लिए काम कर रहे हैं। इस संबंध में वर्तमान कार्यक्रम भारत में एकीकृत चिकित्सा की स्थापना में महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध होगा।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने कहा, “कल्याण की परिकल्पना समय की आवश्यकता है। स्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ समाज का निर्माण होता है और स्वस्थ समाज से ही महान राष्ट्र का निर्माण होता है।” स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कल्याण दृष्टिकोण बीमारियों और रोगों को दूर करने पर केंद्रित है और एकीकृत दृष्टिकोण बीमारियों को दूर रखने के लिए कल्याण के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक प्रोफेसर तनुजा मनोज नेसारी ने कहा, “चिकित्सा का भविष्य एकीकरण में निहित है और सफदरजंग अस्पताल में पंचकर्म, योग, जीवन शैली और संबंधित बुनियादी ढांचे जैसे कई उपचार उपलब्ध हैं, जो अब तक 6000 रोगियों को लाभान्वित कर चुके हैं।”
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग के लिए नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास और आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।