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रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के साथ 3 एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए

देश-विदेश

नई दिल्ली: रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने आज कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के साथ तीन सहमति करारों (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए। इसका मुख्‍य उद्देश्‍य कुशल श्रमबल को लेकर उद्योग की जरूरतों को पूरा करना है। कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय में सचिव श्री सुनील अरोड़ा ने इन तीनों एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए।

श्री सुनील अरोड़ा ने रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग में सचिव श्री एस. के. चौधरी, उर्वरक विभाग में सचिव श्री अनुज कुमार बिश्‍नोई और फार्मास्‍यूटिकल्‍स विभाग में सचिव डॉ. वी.के. सुब्‍बूराज के साथ इन तीनों एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार और कौशल विकास व उद्यमिता राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी की मौजूदगी में आज यहां इन एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए गए।

उर्वरक, फार्मास्‍यूटिकल और रसायन एवं पेट्रोरसायन उद्योग में श्रमबल की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्‍य से उपर्युक्‍त तीनों सहमति करारों पर हस्‍ताक्षर किए गए हैं। समझौते के तहत विभि‍न्‍न परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए मानक एवं गुणवत्‍ता आश्‍वासन प्रक्रियाएं तय की जाएंगी। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीनस्‍थ सभी तीनों विभाग इन एमओयू में उल्‍लेखि‍त सभी पहलों पर अमल के लिए मौजूदा अथवा नई योजनाओं के तहत अपने बजट में सामंजस्‍य स्‍थापित करेंगे। इसमें विपणन, प्रशि‍क्षण एवं प्रमाणन और जरूरत पड़ने पर परियोजना प्रबंधन इकाई की स्‍थापना भी शामिल होगी।

इस अवसर पर रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने कहा कि उर्वरक, फार्मास्‍यूटिकल और रसायन एवं पेट्रोरसायन क्षेत्रों से जुड़े उद्योगों में तकरीबन 1.10 करोड़ लोग कार्यरत हैं, जिनमें से 80 फीसदी लोग ज्‍वाइनिंग के समय अकुशल रहते हैं। उन्‍होंने कहा कि कौशल विकास एवं क्षमता सृजन से अर्थव्‍यवस्‍था में दक्षता बढ़ेगी और लोगों का जीवन स्‍तर बेहतर होगा। श्री अनंत कुमार ने कहा कि कुशल श्रमबल से भारत को आगे चलकर और ज्‍यादा बढ़त हासिल होगी।

कौशल विकास व उद्यमिता राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि उपर्युक्‍त एमओयू पर हस्‍ताक्षर देश में कौशल विकास अभि‍यान के तहत एक छोटा किंतु महत्‍वपूर्ण कदम है। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा समय में 24 मंत्रालय कौशल विकास के लिए 70 से भी ज्‍यादा योजनाएं चला रहे हैं और राज्‍यों की ओर से भी इस दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन प्रशि‍क्षण में समरूपता नहीं है।

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