नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने देवचा पचामी दीवानगंज- हरिनसिंघा कोयला खान के संबंध में पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम लिमिटेड (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) के साथ आवंटन समझौता किया। खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 के तहत बनाई गयी कोल-ब्लॉक आवंटन नियमावली 2017 के प्रावधानों के अनुसार डब्ल्यूबीपीडीसीएल को पश्चिम बंगाल राज्य में देवचा पचामी दीवानगंज- हरिनसिंघा कोल-ब्लॉक आवंटित किया गया है। इस खदान का क्षेत्रफल 12.28 वर्ग किलोमीटर है। इसमें विद्युत उत्पादन के लिए 2102 मिलियन टन कोयले का अनुमानित भंडार मौजूद है।
इस परियोजना से पश्चिम बंगाल में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार जुटाया जा सकेगा। इसके अलावा इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी। इस परियोजना में इस क्षेत्र की तात्कालिक और आगामी कोयला और विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने की परिकल्पना की गई है।
(कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री भबानी प्रसाद पाटी और पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम लिमिटेड (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. पी.बी. सलीम, कोयला मंत्रालय के सचिव श्री सुमंत चौधरी और अतिरिक्त सचिव श्री विनोद कुमार तिवारी की उपस्थिति में समझौता दस्तावेजों का आदान-प्रदान करते हुए।)
इस आवंटन समझौते पर कोयला मंत्रालय के उप सचिव श्री राम शिरोमणि सरोज तथा डब्ल्यूबीपीडीसीएल के निदेशक (विनियामक मामले) श्री अमित भट्टाचार्य ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर कोयला मंत्रालय के सचिव श्री सुमन्त चौधरी, डब्ल्यूबीपीडीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. पी.बी. सलीम, कोयला मंत्रालय के अपर सचिव श्री विनोद कुमार तिवारी और संयुक्त सचिव श्री भबानी प्रसाद पाटी भी उपस्थित थे।