नई दिल्ली: कोयला मंत्रालय ने आज नई दिल्ली में पोलैंड गणराज्य के ऊर्जा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर कोयला और खान राज्य मंत्री श्री हरिभाई पर्थीभाई चौधरी और पोलैंड गणराज्य के ऊर्जा मंत्री श्री ग्रेज़गोर्ज तोबीसजोवस्की ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर कोयला मंत्रालय में अपर सचिव श्री सुरेश कुमार और भारत में पोलैंड के राजदूत श्री एडम बुराकोवस्की मौजूद थे।
इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पहले से स्थापित संयुक्त कोयला कार्य समूह के साथ-साथ अनुसंधान संस्थानों और दोनों देशों के बीच निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल कर अध्ययन के जरिए कोयला खनन और स्वच्छ कोयला टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में संबंधों को बढ़ाना है।
- कोयला क्षेत्र में व्यापार और निवेश को बढ़ाने, कोयले से जुड़े ऊर्जा संबंधी मुद्दों खासतौर से स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों की समझ बढ़ाने और नीतियों, कार्यक्रमों तथा प्रौद्योगिकी के बारे में सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, जिसमें विशेष जोर कोयला अन्वेषण और दोहन, अनुसंधान और विकास, तकनीकी सहयोग और क्षमता निर्माण पर होगा।
- समझौता ज्ञापन के अंतर्गत लागू क्रिया कलापों की समीक्षा।
- भागीदारों द्वारा सहमति वाले आपसी सहयोग के अन्य क्षेत्रों की पहचान।
इस अवसर पर कोयला और खान राज्य मंत्री श्री हरिभाई पर्थीभाई चौधरी ने कहा कि भारत और पोलैंड व्यावसायिक कूटनीतिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे कर चुके हैं और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग समझौतों को स्वरूप प्रदान किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज जिस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं,उससे इन प्रयासों को बल मिलेगा। उन्होंने सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने और लगातार जुड़े रहने के बाद समझौता ज्ञापन तैयार करने के लिए पोलैंड और भारत के अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन से स्वच्छ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अत्यधिक लाभ मिलेगा और दोनों देशों को खनन और ऊर्जा के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार और निवेश बढ़ाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत बनाया गया संयुक्त कार्य समूह एक निर्धारित समय पर समझौता ज्ञापन के उद्देश्यों को हाथ में लेने के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि भारत में खनन के अन्य क्षेत्रों में सहयोग की काफी मजबूत संभावना है।