नई दिल्ली: गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को साकारकरने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की जनआंदोलन के रूप में शुरुआत की थी। संचार मंत्रालय का दूरंसचार तथा डाक विभाग पूरे साल स्वच्छता गतिविधियों के साथ इस अभियान को लेकर पूरी तरह सजग बना हुआ है। पूर्व निर्धारित कार्य योजना के अनुरूप मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही स्वच्छता गतिविधियों की मौजूदा पखवाड़े में समीक्षा की गई। मंत्रालय के विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य संगठनों, क्षेत्रीय कार्यालयों तथा स्कूलों और सड़कों के साथ ही सामुदायिक क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान के प्रचार प्रसार पर विशेष ध्यान दिया गया। इस दौरान स्कूली छात्रों को स्वच्छता के प्रति जागरुक बनाने पर ज्यादा जोर रहा। मंत्रालय का भविष्य में अपने कार्यालयों में साफ सफाई, स्वच्छ पेयजल तथा और अधिक हरे-भरे और साफ सार्वजनिक क्षेत्र सुनिश्चित करने का भी प्रस्ताव है।
दूरसंचार विभाग, बीएसएनएल, एमटीएनएल, वोडाफोन, आइडिया, रिलाइंस और जियो जैसी टेलीकॉम सेवाओं के माध्यम से लोगों के बीच स्वच्छता का संदेश प्रसारित करने का काम कर रहा है। विभाग ने अपने सार्वजनिक उपक्रमों में स्वच्छता कार्य योजना भी लागू की है। इस योजना के तहत साफ-सफाई से जुड़ी ऐसी गतिविधियों को चिन्ह्ति किया गया है, जिस पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना है। इन गतिविधियों में बीएसएनएल द्वारा शौचालयों की मरम्मत और नये शौचालयों का निर्माण सामुदायिक जनांदोलन, टीसीआईएल द्वारा लोगों के लिए सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ेदान लगाना और पार्किंग स्थलों की सफाई, सी-डॉट द्वारा श्रमिकों के लिए बनाई गई कैंटीन तथा गाड़ी चालकों के विश्राम गृहों की मरम्मत करने के साथ ही कई अन्य स्थानों की साफ-सफाई शामिल है।
इस अवसर पर डाक विभाग ने डाकघरों और पोस्टल कॉलोनियों तथा प्रशासनिक कार्यालयों में साफ-सफाई की अतिरिक्त व्यवस्था करने के साथ ही 318 डाकघरों को प्लास्टिक मुक्त घोषित किया। इसके अलावा 847 डाकघरों और पोस्टल कॉलोनियों में पेड़ों की गणना की गई। बाकी डाकघरों और पोस्टल कॉलोनियों में भी यह गणना जारी है। मौजूदा पखवाड़े में विभाग के करीब तीन लाख डाकियों और ग्रामीण सेवकों को ‘स्वच्छता दूत’ घोषित किया गया। इन लोगों ने जनता के बीच स्वच्छता के साथ ही खुले में शौच न करने और प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने का संदेश प्रभावी तरीके से पहुंचाया। इन लोगों के अथक प्रयासों के कारण ही स्वच्छता अभियान देश के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच सका। पखवाड़े के दौरान स्वच्छता से स्वास्थ्य विषय पर कुल 355 कार्यशालाएं आयोजित की गई। 5,000 छात्रों ने स्वच्छता विषय पर लेख प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। तीन राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल को साफ-सफाई गतिविधियों तथा जनता के बीच स्वच्छता का संदेश पहुंचाने के उल्लेखनीय कार्यों के लिए पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार प्रदान किया गया। स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए संचार मंत्रालय आगे भी अथक प्रयास जारी रखेगा।