नई दिल्ली: संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के संग्रहालय और सांस्कृतिक स्थलों का विकास ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाने के लिए आज एक वेबिनार की मेजबानी की और महामारी के बाद के भारत में स्थायी सांस्कृतिक संगठनों के गठन के लिए बातचीत की शुरूआत की। वेबिनार में संग्रहालय और सांस्कृतिक स्थल के डोमेन के कुछ सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों जैसे कि म्यूजियम ऑफ़ आर्ट एंड फ़ोटोग्राफ़ी (एमएपी), बेंगलुरु के संस्थापक ट्रस्टी श्री अभिषेक पोद्दार, कोच्चि बिनाले फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री बोस कृष्णामाचारी, क्यूजियम के संस्थापक और सीईओ श्री ब्रेंडन सीको, टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक श्री संजय के रॉय और संस्कृति मंत्रालय में संग्रहालय और सांस्कृतिक स्थानों के सीईओ श्री राघवेन्द्र सिंह ने हिस्सा लिया।
कोविड-19 महामारी के सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक अप्रत्यक्ष परिणाम होंगे। भारतीय और वैश्विक स्तर के अग्रणी सांस्कृतिक संस्थानों, रचनात्मक व्यवसायों, स्टार्टअप, नीति निर्माताओं और मीडिया के लिए आयोजित, वेबिनार के विशेषज्ञों ने संस्कृति और रचनात्मक उद्योग के लिए आगे बढ़ने के तरीके पर चर्चा की।
वेबिनार के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए वेबिनार सचिव और संस्कृति मंत्रालय में सीईओ डीएमसीएस, श्री राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि इसका उद्देश्य संभावित नीतिगत कार्यों की पहचान करना है जो संग्रहालयों, सांस्कृतिक स्थलों और व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र के संकट के लघु और दीर्घकालिक प्रभावों को कम करने में मदद करेंगे।
वेबिनार के दौरान चर्चा में महामारी के बाद पारिस्थितिकी तंत्र में संग्रहालयों और सांस्कृतिक स्थानों के संदर्भ में प्रभाव, नवाचारों और बाद के संकट की योजना जैसे विषयों को छुआ गया। नये विषय म्यूजियो-प्रीन्योर्स पर भी यह देखने के लिए चर्चा की गई कि संग्रहालय किस तरह से उद्यमशीलता की भावना को गले लगा सकते हैं और स्थायी व्यावसायिक मॉडल पर काम कर सकते हैं। चर्चा के सबसे महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक सांस्कृतिक स्थलों की नये सिरे से कल्पना करना तथा सांस्कृतिक विरासत के सामाजिक और आर्थिक मूल्यों का अधिकतम लाभ उठाना और स्थानीय दर्शकों और पर्यटकों को जोड़ने के लिए क्षमता निर्माण के लिए नवीन विचारों का परिचय देना था।
श्री राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि चर्चा के आधार पर हम पॉलिसी पेपर तैयार करेंगे और हम आपस में चर्चा करेंगे और जो भी व्यावहारिक और संभव है उस पर सहमति प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि हम इसे निजी और कॉरपोरेट क्षेत्र के हितधारकों के लिए फिर से लाएंगे और उनके साथ परियोजना वार चर्चा करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कुछ मामलों पर आपसी समझौता होगा और उन मामलों को ऑन-बोर्ड किया जाएगा और फिर निष्पादित किया जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने इस वेबिनार के संचालन के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करके डीएमसीएस, संस्कृति मंत्रालय को सहयोग दिया है।
वेबिनार का सीधा प्रसारण किया गया था
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