रक्षा मंत्रालय (एमओडी) और रक्षा में सार्वजनिक क्षेत्र केउपक्रम (डीपीएसयू) भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने दिनांक 8 फरवरी, 2021 को नई दिल्ली में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सॉफ्टवेयरडिफाइंड रेडियो टैक्टिकल (एसडीआर-टैक) की खरीद के लिए एक अनुबंध परहस्ताक्षर किए हैं।
एसडीआर-टैक जिसे घरेलू एजेंसियों और उद्योग के कंसोर्टियम-हथियार और इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियरिंग प्रतिष्ठान (WESEE), बीईएल, सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (सीएआईआर) और भारतीयनौसेना- के माध्यम से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की रक्षाइलेक्ट्रॉनिक्स अनुप्रयोग प्रयोगशाला (डीईएएल) द्वारा संयुक्त रूप सेडिजाइन और विकसित किया गया है, सशस्त्र बलों में रणनीतिक गहराई लाएगा। तीनसाल के भीतर डिलीवरी होगी। बीईएल पहले से ही एसडीआर-नेवल कॉम्बैट (एनसी)की आपूर्ति कर रहा है और एसडीआर-एयर उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षण केअंतर्गत है । डीआरडीओ और बीईएल सशस्त्र बलों को सुरक्षा ग्रेडिंग के साथनवीनतम एसडीआर प्रदान करने की योजना बना रहे हैं।
एसडीआर-टैक एक चार चैनल मल्टी-मोड, मल्टी बैंड, 19″ रैकमाउंटेबल, शिप बोर्न सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो सिस्टम है। इसका उद्देश्यनेटवर्क सेंट्रिक ऑपरेशन्स के लिए जहाज से जहाज, जहाज से तट और जहाज से हवामें आवाज और डेटा संचार सुनिश्चित करना है। यह वी/यूएचएफ और एल बैंड कोकवर करने वाले सभी चार चैनलों के एक साथ संचालन को सपोर्ट करता है। इसएसडीआर प्रणाली में नैरो बैंड एवं वाइड बैंड अनुप्रयोगों के लिये विभिन्नप्रकार के वैवफॉर्मस होते हैं। नेट केंद्रित ऑपरेशंस के लिए एडहॉकनेटवर्किंग फीचर का समर्थन करने के लिए यूएचएफ और एल-बैंड में मैनेटवेवफॉर्म उपलब्ध हैं। नेट सेंट्रिक ऑपरेशन्स के लिये एडहॉक नेटवर्किंगफीचर का समर्थन करने हेतु यूएचएफ एवं एल-बैंड में मनेट वैवफॉर्मस उपलब्धहैं। मई से जून 2018 के दौरान विशाखापट्टनम में विस्तृत हार्बर फेज तथा सीफेज परीक्षणों को कवर करते हुए वी/यूएचएफ एवं एल-बैंड मैनेट वैवफॉर्म्ससमेत सभी वैवफॉर्म्स के लिये विभिन्न नेटवर्क विन्यासों में उपयोगकर्तामूल्यांकन परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए गए ।
इंटरऑपरेबिलिटी ट्रायल भी सफलतापूर्वक अन्य सभी फॉर्मफैक्टर्स के साथ किए गए, जिनमें एयरबोर्न एसडीआर-एआर ऑन बोर्ड डोर्नियरएयरक्राफ्ट, एसडीआर-टैक ऑन बोर्ड आईएनएस किर्च इन सेलिंग मोड, एसडीआर-मैनपैक और एसडीआर-हैंडहेल्ड को शामिल किया गया। नौसेना की सभीउपयोगकर्ता एजेंसियों द्वारा सभी पहलुओं का सफलतापूर्वक मूल्यांकन किया गयाऔर अधिग्रहण के लिए मंजूरी दे दी गई।
सशस्त्र बलों को अपनी सभी वायरलेस संचार क्षमताओं के लिएपूर्व के एकल उद्देश्य रेडियो के स्थान पर अधिक लचीले सॉफ्टवेयर डिफाइंडरेडियो (SDRs) की ज़रूरत है। यह एसडीआर मौजूदा भारतीय रेडियो के साथबैकवर्ड कम्पेटिबल होंगे। सेना के विभिन्न अंगों को विशिष्ट प्लेटफार्मोंऔर तरंगों/अनुप्रयोगों के लिए विभिन्न स्वरूपों के रेडियो की आवश्यकता होतीहै। एसडीआर विभिन्न फॉर्म फैक्टर्स के लिए एक कॉमन वैवफॉर्म/ अनुप्रयोगकार्यान्वयन विधियों के उपयोग की इजाज़त देते हैं। वे सॉफ्टवेयरप्रोग्रामेबिलिटी का उपयोग करके एक ही हार्डवेयर पर भविष्य की वैवफॉर्म्सके कार्यान्वयन की अनुमति देते हैं, इस प्रकार बचत में सहायक होते हैं औरइस तकनीक के ज़रिए लंबा जीवन सुनिश्चित करते हैं।
एसडीआर में एक महत्वपूर्ण कारक यह है कि सॉफ्टवेयरप्रोग्रामेबिलिटी रेडियो की मूलभूत विशेषताओं जैसे मॉड्यूलेशन टाइप्स, ऑपरेटिंग फ्रीक्वेंसी, बैंडविड्थ, मल्टीपल एक्सेस स्कीम्स, सोर्स और चैनलकोडिंग/ डिकोडिंग तरीकों, स्प्रेडिंग/डी-स्प्रेडिंग तकनीकों औरएन्क्रिप्शन/डिक्रिप्शन एल्गोरिदम जैसे आसान बदलावों की अनुमति देती है।पारंपरिक हार्डवेयर केंद्रित रेडियो में इन मूलभूत विशेषताओं में परिवर्तनकरने के लिए हार्डवेयर परिवर्तन की आवश्यकता है। कई प्रकार के रेडियोउपकरणों को मल्टी-मोड, मल्टी बैंड, मल्टी-रोल एसडीआर के उपयुक्त फॉर्मफैक्टर्स के साथ प्रतिस्थापित किया जा सकता है ।