नई दिल्ली: भारतीय सिनेमा के उत्कृष्ट पहलुओं को दर्शाने और प्रोत्साहित करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, फिल्म उत्सव निदेशालय के जरिये दूसरे झारखंड अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव के आयोजन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उत्सव का आयोजन रांची में 1-3 फरवरी, 2019 को होगा, जिसका उद्देश्य सिनेमा को प्रोत्साहन देने के लिए राज्यों की सहायता करना है।
यह समर्थन ‘अनुदान’ योजना के तहत दिया जा रहा है। योजना का उद्देश्य समाज की चुनौतियों,अवसरों तथा परिवर्तनों को दर्शाने वाली फिल्मों को प्रोत्साहित करना है। इसके जरिये क्षेत्रीय फिल्मों को सिनेमा, सिनेमाई तकनीक इत्यादि से परिचित कराना है।
उत्सव के दौरान 6 फिल्में दिखाई जाएंगी–
- कड़वी हवा (हिन्दी) नील माधव पांडा द्वारा निर्देशित
- भोर (हिन्दी) कामाख्या नारायण सिंह द्वारा निर्देशित
- बस्तु शाप (बांग्ला) कौशिक गांगुली द्वारा निर्देशित
- पूर्ण (हिन्दी) राहुल बोस द्वारा निर्देशित
- आई एम कलाम (हिन्दी) नील माधव पांडा द्वारा निर्देशित
- रेलवे चिल्ड्रेन (कन्न्ड़) पृथ्वी कोनानूर द्वारा निर्देशित
इस पहल से स्थानीय उदीयमान फिल्मकारों और फिल्म के शौकीनों को भारतीय सिनेमा की विशेषताओं से परिचित होने का अवसर मिलेगा। इस उत्सव के जरिये झारखंड को फिल्म निर्माण के केंद्र के रूप में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा तथा क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा।
पृष्ठभूमि
झारखंड जब बिहार का अंग था, तब सत्यजीत रे और ऋत्विक घटक जैसे महान फिल्मकारों ने राज्य को कई बार सेल्यूलाइड पर उतारा है। परंतु अलग राज्य बन जाने के बाद यह विहंगम भू-भाग कुछ समय के लिए सिनेमा मानचित्र से थोड़ा अलग हो गया था। राज्य सिनेमा निर्माण के अपने खोये हुए गौरव को फिर से हासिल करने का प्रयास कर रहा है। उल्लेखनीय है कि 2015 में झारखंड राज्य फिल्म नीति जारी की गई थी, जिसके बाद से राज्य फिल्म निर्माण में अपनी क्षमता के बारे में फिल्मकारों में जागरूकता पैदा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
झारखंड को भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, 2018 में फोकस राज्य के रूप में चुना गया था। झारखंड सरकार फिल्म संबर्धन कार्यक्रम के तहत निर्मित उन छह फिल्मों को उस दौरान दिखाया गया था, जिनकी शूटिंग झारखंड में हुई थी या वे राज्य की भाषा/बोली में बनाई गई थीं। रंगारंग दृश्यों से भरे इस राज्य में कठोर पहाड़ भी हैं, घने जंगल भी हैं और जादुई झरने भी हैं। इस पहल के जरिये झारखंड फिल्म शूटिंग का बेहतरीन स्थान बन जाएगा।