इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के साथ आज किए गए समझौते से देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी क्योंकि छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां प्राकृतिक संसाधन भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि कोयले एवं अन्य वस्तुओं की समुचित खोज और आपूर्ति से हमारी अर्थव्यवस्था के विकास को नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए यही बेहतर होगा कि सभी राज्य सरकारें रेल मंत्रालय के साथ हाथ मिलाएं और हमारे साथ भागीदार बन जाएं। उन्होंने कहा कि इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री की सहकारी संघवाद संबंधी अवधारणा के अनुरूप है।
अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह ने नए रेल बुनियादी ढांचे के विकास हेतु छत्तीसगढ़ राज्य का समर्थन करने के लिए रेल मंत्रालय का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि अत्यंत अल्प अवधि में ही छत्तीसगढ़ राज्य में 760 किलोमीटर लम्बी अतिरिक्त रेल लाइनों का फैलाव हो गया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि राज्य में बेहतर रेल नेटवर्क से राज्य को अपनी पूर्ण क्षमता के साथ प्राकृतिक संसाधनों का प्रसंस्करण करने में मदद मिली है।
इस अवसर पर केंद्रीय विद्युत, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन से रेल लाइनों एवं रेल रेक को भीड़-भाड़ से मुक्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय के उचित प्रयासों की बदौलत देश के समस्त विद्युत संयंत्रों में अधिशेष स्टॉक के साथ कोयला उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि आज के समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना एक प्रगतिशील और दूरदर्शी कदम है।