नई दिल्ली: रेल मंत्रालय तथा ओडिशा सरकार के मध्य दासप्पला-बोलनगीर खंड के खुर्दा रोड-बोलनगीर नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के लागत साझेदारी के आधार पर निर्माण हेतु आज समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किये गये.
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु , रेल-राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा, ओडिशा विधान सभाध्यक्ष श्री निरंजन पुजारी, वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री, ओड़िशा सरकार श्री रमेश चन्द्र मांझी की उपस्थिति में समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किये गये. ओडिशा से चुने गए संसद सदस्य श्री ए. यू. सिंह देव, श्री कैलाश नारायण सिंह देव, डॉ. प्रसन्न कुमार पाटसाणी, सुश्री प्रत्युषा राजेश्वरी सिंह, श्री वैष्णव परिदा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे. समझौता-पत्र पर श्री वेद प्रकाश डुडेजा, अधिशासी निदेशक (वर्क्स) रेल मंत्रालय तथा श्री संजय रस्तोगी, आयुक्त-सह-सचिव, वाणिज्य एवं परिवहन विभाग, ओडिशा सरकार ने हस्ताक्षर किये।
रेलवे द्वारा निर्मित की जा रही खुर्दा रोड-बोलनगीर (289 कि. मी.) नई लाइन परियोजना की अनुमानित लागत 3050 करोड़ रूपए है. इस महत्वपूर्ण परियोजना को पूरा करने हेतु ओडिशा सरकार ने परियोजना हेतु निशुल्क भूमि उपलब्ध कराकर तथा दासप्पला से बोलनगिर (177 कि. मी.) के मध्य निर्माण -लागत का 50% वहन करने की मंजूरी देकर इस परियोजना में साझेदारी हेतु सम्मति दी है. उपरोक्त समझौता-पत्र पर इसी लागत-साझेदारिता के आधार पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु के कहा कि ओडिशा के अवसंरचना विकास में इस समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किया जाना बहुत महत्त्व रखता है. खुर्दा-बोलनगीर नई लाइन ओडिशा के पूर्वी तथा पश्चिमी भाग से होकर गुजरेगी जिससे इस रेल लाइन पर पड़ने वाले सभी जिले राज्य के त्वरित विकास में योगदान दे सकेंगे. खनिज संपन्न राज्य होने के कारण ओडिशा का हमारे देश की वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में विशिष्ट स्थान है तथा रेलवे वस्तुओं एवं जन-सामान्य की यातायात सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु कटिबद्ध है. उन्होंने आश्वस्त किया कि रेलवे उपरोक्त परियोजना को अविलम्ब पूरा करेगी. उन्होंने रेलवे बोर्ड अधिकारियों से सभी रेलवे परियोजनाओं को पी ई आर टी (परियोजना पुनर्समीक्षा तकनीक) प्रबंधन कार्य-पद्धति के अंतर्गत लागू किये जाने का आह्वान किया जिससे परियोजना को पूरा किये जाने हेतु समय सीमा तथा कार्य-नियोजन सुनिश्चित किये जा सकें. श्री सुरेश प्रभु ने इंगित किया कि केंद्र में नयी सरकार के% का गठन के बाद से ओडिशा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ओडिशा में रेल-नेटवर्क के विकास हेतुकिये जाने वाले व्यय में वर्ष 2013-2014 (754 करोड़ रूपए) की तुलना में वर्ष 2014 -2015 में (1073 करोड़ रूपए) लगभग 40% की बढ़ोत्तरी की गयी है. इस वर्ष भी इसमें गत वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना (3310 करोड़ रुपये) की बढ़ोत्तरी की गयी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि रेलवे देश के सुदूर तथा पिछड़े इलाकों में अवसंरचना विकास हेतु अपने प्रयास जारी रखेगा. श्री सुरेश प्रभु ने कहा क़ि हम ओडिशा सरकार के सहयोग से निर्मित होने वाली रेल-परियोजनाओं हेतु पूर्णतया समर्पित कंपनी स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी इस सन्दर्भ में ओडिशा के मुख्यमंत्री से बात हुई है और उन्होंने भी इससे सहमति जताई है. इस पूर्णतया समर्पित कंपनी का गठन होने बाद, ओडिशा में निर्मित होने वाली परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा।
अपने उद्बोधन में रेल-राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि ओडिशा का कुल रेल-नेटवर्क 2516 कि. मी. है जो भारतीय रेल-नेटवर्क का एक बड़ा अंश है. रेल-नेटवर्क के राष्ट्रीय औसत 5.44 / लाख जनसँख्या घनत्व की तुलना में ओडिशा में रेल-नेटवर्क का घनत्व 6.00 कि. मी./ लाख जनसँख्या है. उपरोक्त समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तथा अविकसित क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी. रेलवे देश के घने नेटवर्क वाले क्षेत्रों, विशेषकर पूर्वी तटीय क्षेत्र में परिवहन की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु सतत प्रयासरत है।
इस अवसर पर सउपस्थितजन को सम्बोधित करते हुए ओडिशा विधान सभाध्यक्ष श्री निरंजन पुजारी ने कहा कि इस रेल-लाइन परियोजना के निर्माण से इसके अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में नए अवसर सामने आयेँगे. यह परियोजना , वास्तव में ओडिशा के लिए जीवन-रेखा सदृश है. यह अति-पिछड़े केबीके क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायक होगी।
अपने सम्बोधन में श्री रमेश चन्द्र मांझी, वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री, ओडिशा सरकार ने कहा क़ि पूर्व से पश्चिम तक गुजरने वाली इस रेल-लाइन के निर्माण से इसके अंतर्गत आने वाले सभी छह जिलों क्रमशः खुर्दा, पुरी , नयागढ़, बूढ़ , सुबारनपुर तथा बोलनगिर में नए युग का आरभ होगा।
कार्यक्रम में उपस्थित संसद-सदस्यों ने उपरोक्त महत्वपूर्ण समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किये जाने के सन्दर्भ में रेल-मंत्री की भूमिका की सराहना की. उन्होंने इस वर्ष के रेल-बजट में ओडिशा में निर्मित होने वाली अधिक संख्या में रेल-परियोजनाओं को मंजूरी दिए जाने की भी सराहा।
अपने सम्बोधन में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री ऐ. के. मित्तल ने कहा कि इस समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर होना स्वागत योग्य है तथा ओडिशा के अवसंरचना-विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी. राज्य-सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध कराये जाने के पश्चात तीन वर्ष की समयावधि में इस परियोजना को परिपूर्ण किया जाएगा।