नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने तत्काल टिकटों की खरीद से जुड़े कुछ नियमों में संशोधन करने का फैसला किया है। संशोधित नियमों के अंतर्गत कम्प्यूटराइजड आरक्षण करते समय अथवा टिकट खिड़की पर बुकिंग के समय अथवा इंटरनेट के जरिए तत्काल टिकट की बुकिंग के समय पहचान के प्रमाण की फोटोकापी देने अथवा उसका नंबर देने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार तत्काल योजना के अंतर्गत यदि टिकट बुक किया गया है तो किसी एक यात्री को यात्रा के दौरान इनमें से पहचान का कोई एक प्रमाण प्रस्तुत करना होगा, ऐसा नहीं करने पर उस टिकट पर बुक किए गए सभी यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करते हुए माना जाएगा और उनसे शुल्क वसूला जाएगाः-
- भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी वोटर फोटो पहचान पत्र
- पासपोर्ट
- आयकर विभाग द्वारा जारी पेनकार्ड
- आरटीओ द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस
- केन्द्र/राज्य सरकारों द्वारा जारी क्रम संख्या के साथ पहचान पत्र की फोटो कापी
- मान्यता प्राप्त स्कूल/कॉलेज द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र
- राष्ट्रीकृत बैंक की फोटो के साथ पासबुक
- लेमिनेटेड फोटो के साथ बैंकों द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड
- आधार कार्ड
- राज्य/केन्द्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जिला प्रशासनों, स्थानीय निकायों तथा पंचायत प्रशासन द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र
यह संशोधन 01 सितम्बर, 2015 से लागू होंगे। इन्हें लागू करने संबंधी अधिसूचना की तारीख अलग से जारी की जाएगी।
तत्काल टिकट बुकिंग के लिए नियमों में बदलाव का मूल आधार
- वर्तमान निर्देशों के अनुसार तत्काल टिकट पर यात्रा करने के लिए पीआरएस केन्द्र से टिकट की बुकिंग करते समय यात्री को उस पहचान पत्र की प्रति देनी होती है जिसे यात्रा में वह अपने साथ रखेगा। इस पहचान पत्र की संख्या टिकट और रिजर्वेशन चार्ट पर दी होती है। यात्रा के दौरान यात्री को पहचान का मौलिक सबूत लेकर चलना होता है। जिसे नहीं रखने पर बिना टिकट यात्रा करते हुए माना जाता है और फलस्वरूप उनसे शुल्क लिया जाता है यदि यात्री ने इंटरनेट के जरिए बुकिंग की है तो बुकिंग के समय उसे पहचान पत्र की संख्या और उसका प्रकार बताना होता है। तथा साथ ही उसी पहचान पत्र को यात्रा के दौरान लेकर चलना होता है। ऐसा नहीं करने पर सभी को बेटिकट यात्रा करते हुए माना जाता है और फलस्वरूप शुल्क लिया जाता है। इन प्रवधानों में संशोधन किया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए इस प्रावधान को हटा दिया गया है क्योंकि कई बार व्यक्ति दूसरे शहर में रह रहे अपने माता-पिता/बच्चों के लिए टिकट बुक कराता है और उनके पहचान-पत्र की फोटो कॉपी टिकट बुक करने वाले व्यक्ति के पास नहीं होती हैं। अब वह व्यक्ति बिना पहचान पत्र के टिकट बुक करा सकता है। हालांकि यात्री द्वारा यात्रा के दौरान फोटो पहचान पत्र रखना अनिवार्य है। ताकि किसी प्रकार के गलत उपयोग से बचा जा सके।
- वर्तमान में तत्काल टिकट देते समय पहचान पत्र का नंबर दर्ज किया जाता है। जिससे कामकाज में अधिक समय लगता है। पहचान पत्र नंबर दर्ज करना जरूरी होने के कारण व्यक्ति को पीआरएस और इंटरनेट के जरीये टिकट बुकिंग में अधिक समय लगता है, जबकि दलाल स्क्रिपटिंग साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर तेजी से टिकट बुक कर लेते हैं। पहचान पत्र नंबर दर्ज नहीं करने से बुकिंग करने में समय कम लगता है और गलती से क्लर्क अगर पहचान नंबर गलत टाईप कर दे तो यात्रा के दौरान वास्तविक पहचान पत्र के नंबर और इस नंबर में अंतर से टिकट जांच अधिकारी टिकट को मान्य नहीं मानता और यात्री को बगैर टिकट माना जाता है। यात्रियों द्वारा इस प्रकार की समस्या झेलने की खबरे हैं। प्रस्तावित संशोधन से इस समस्या का समाधान होगा।
- वर्तमान में अगर यात्री वैध फोटो पहचान पत्र (आधार कार्ड/पासपोर्ट/ड्राईविंग लाईसेंस/पेन कार्ड इत्यादि) में से किसी एक को लेकर यात्रा करता है लेकिन टिकट बुक करते समय इसके बारे में नहीं बताया गया है तो यात्री को बगैर टिकट माना जायेगा। इस बारे में कई शिकायतें मिली है कि टिकट बुकिंग के समय बताये गये फोटो पहचान पत्र यात्रा के दौरान नहीं रखने पर यात्रियों को टिकट किराये के अलावा दंड भी भरना पड़ा।
- वर्तमान में सामान्य (बिना तत्काल) टिकट पर यात्री दस पहचान पत्रों में से किसी एक को दिखाकर यात्रा कर सकता है, लेकिन तत्काल टिकट बुक करने के समय जो पहचान पत्र दर्ज कराया गया है उसी को यात्रा के दौरान रखना अनिवार्य है। लेकिन अब यात्रा के दौरान यात्री कोई भी फोटो पहचान पत्र दिखा सकता है।
- नियमों में संशोधन के बावजूद यात्रा के दौरान वास्तविक फोटो पहचान पत्र के जरिये पहचान जाहिर करना जरूरी है। प्रस्तावित संशोधन मौजूदा असंगतियों में सुधार पर तत्काल टिकट बुक कराने की सुविधा को आसान बनाने के लिए किए गये हैं।