नई दिल्ली: पिछले एक सप्ताह से केरल में भारी वर्षा और राज्य के करीब 36 बांधों को खोल दिए जाने के कारण बाढ़, भूस्खलन, पटरियों पर बड़े पत्थर गिरने के कारण दक्षिण रेलवे की तीन डिवीजनों में 16 अगस्त, 2018 से सामान्य सेवा यातायात प्रभावित हुई जिसका विवरण नीचे दिया गया है:
- तिरुवनंतपुरम डिवीजन में 11 पुलों में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया, 3 स्थानों पर पटरियां पानी में डूब गई, तटबंध बह गए, विभिन्न खंडों पर 7 स्थानों में जमीन खिसक गई।
- पलक्क्ड़ डिवीजन में 10 पुलों में पानी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा और एक स्थान पर पटरी पानी में डूब गई।
- मदुरै डिवीजन में 6 स्थानों में जमीन खिसक गई और पत्थर गिरे
रेलवे के दल ने बाढ़ प्रभावित स्थानों में इन बाधाओं को हटाने के लिए 24 घंटे समर्पित भाव से काम किया और केरल के सभी प्रमुख मार्गों को 20 अगस्त से इस प्रकार खोल दिया गया :
- तिरुवनंतपुरम (टीवीसी) से नागरकोइल (एनसीजे) सेक्शन पर 15 अगस्त को सुबह 7.00 बजे ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया था जिसे 16 अगस्त को सुबह 9.30 बजे दुरुस्त घोषित कर दिया गया।
- एर्नाकुलम (ईआरएस) – कोट्टायम (केटीवाईएम) सेक्शन पर 16 अगस्त को शाम 4.00 बजे ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया था जिसे 19 अगस्त को रात 8.00 बजे दुरुस्त घोषित कर दिया गया।
- एर्नाकुलम (ईआरएस) – शोरानूर (एसआरआर) पर 16 अगस्त को दोपहर 12.00 बजे ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया था जिसे 19 अगस्त को रात 9.15 बजे दुरुस्त घोषित कर दिया गया।
- पलक्कड़ (पीजीटी) – शोरानूर (एसआरआर) पर 16 अगस्त को शाम 4.00 बजे ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया था जिसे 18 अगस्त को सुबह 8.15 बजे दुरुस्त घोषित कर दिया गया।
- कॉलम (क्यूएलएन)- पूनालुर (पीयूयू) सेक्शन को 20 अगस्त को दुरुस्त घोषित कर दिया गया।
- पूनालुर (पीयूयू) – सेनकोट्टई (एससीटी) और त्रिचूर (टीसीआर) – गुरुवयूर (जीयूवी) शाखा लाइन को भारी नुकसान पहुंचा और बड़ी संख्या में बड़ी चट्टानें गिरी। इस पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है और इसके दो-तीन दिन में चालू होने की उम्मीद है।
(ड.) पटरियों की मरम्मत के लिए चौबीस घंटे कुल 9 ट्रैक मशीनें लगाई गईं है।
(च) पत्थर, रेत और रोड़ी लेकर 7 विशेष ट्रेनें प्रभावित मार्गों और तटबंधों की मरम्मत के लिए भेजी गई हैं।
(छ) करीब 30 अधिकारियों, 45 पर्यवेक्षकों और करीब 450 रेलवे कर्मचारियों का एक दल वर्षा और बाढ़ के बीच समर्पण की भावना से चौबीस घंटे काम कर रहा है और प्राथमिकता के आधार पर पटरियों की मरम्मत के कार्य में लगा हुआ है ताकि केरल को संकट की इस घड़ी में देश के अन्य भागों से जोड़ा जा सके।
(ज) कुछ को छोड़कर लगभग सभी ट्रेन सेवाएं आज से बहाल कर दी गई हैं।
केरल में फंसे यात्रियों की मदद के लिए विशेष ट्रेनें:
- बाढ़ में फंसे यात्रियों से संपर्क करने के लिए तिरुवनंतपुरम और पलक्कड़ डिवीजन में 61 स्पेशल यात्री ट्रेनें चल रही हैं। राहत और बचाव दल ने लोगों की आवाजाही के लिए खासतौर से तिरुवनंतपुरम –एर्नाकुलम सेक्शन को प्रत्येक तीन घंटे पर अलैप्पी के रास्ते विशेष यात्री ट्रेनों से जोड़ा है जो बाढ़ से प्रभावित नहीं रहा।
- 13 एक्सप्रेस विशेष रेलगाडि़यां एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम से मदुरै के रास्ते 17 अगस्त से 20 अगस्त से चल रही हैं। उपरोक्त में से,
- 4 ट्रेनें एर्नाकुलम से चेन्नई एगमोर,
- 3 ट्रेनें एर्नाकुलम से सांत्रागाची,
- 1 ट्रेन तिरुवनंतपुरम और हावड़ा के बीच,
- 1 ट्रेन तिरुवनंतपुरम और सिल्चर के बीच,
- 1 ट्रेन तिरुवनंतपुरम से गोरखपुर,
- 1 ट्रेन कोचूवेली और भुवनेश्वर के बीच,
- 2 ट्रेनें चेन्नई एगमोर से एर्नाकुलम के बीच चल रही हैं,
- इनमें से तीन विशेष ट्रेनें पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम से सांत्रागाची के बीच चल रही हैं,
- 1 विशेष ट्रेन उड़ीसा सरकार के अनुरोध पर कोचूवेली, तिरुवनंतपुरम से भुवनेश्वर के बीच आज चली।
केरल के लिए पानी के तीन विशेष रेक:
- दक्षिण रेलवे ने 18 अगस्त को इरोड जंक्शन स्टेशन से कायनकुलम के लिए 2.8 लाख लीटरपानी के साथ 7 बीआरएन डिब्बों वाली पहली विशेष ट्रेन भेजी।
- इरोड से दूसरी विशेष ट्रेन 20 अगस्त को 3.2 लाख लीटर पानी के साथ तिरुवल्ला पहुंच गईं।
- तीसरी विशेष ट्रेन को 14.4 लाख लीटर पानी के 29 वैगनों के साथ 18 अगस्त को पुणे से भेजा गया और वह 20 अगस्त को एर्नाकुलम पहुंच गईं।
- राज्य सरकार के अनुरोध को पूरा करने के लिए रेलवे कुछ और पानी की विशेष ट्रेनें चला रहा है।
दक्षिण रेलवे के आईआरसीटीसी संयंत्रों से रेल नीर की 3 लाख बोतलें :
- रेलवे ने बाढ़ प्रभावित केरल के लिए तिरुवनंतपुरम डिवीजन के जरिए रेल नीर की 1 लीटर वाली 2 लाख बोतलों का प्रबंध किया है।
- 1 लाख अन्य बोतलें भेजने के लिए तैयार रखी गई हैं।
- मुख्यालय और डिवीजन स्तर पर रेलवे अधिकारी पानी की बोतलें गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के लिए केरल सरकार के अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।
पेशेवर तैराकों की तैनाती :
- दक्षिण रेलवे के तिरुवनंतपुरम डिवीजन के पेशेवर 10 तैराक कर्मचारियों को राहत/बचाव कार्यों में मदद के उद्देश्य से 5 दिन के लिए पट्टनमथीटा जिले में तैनात किया गया है।
केरल के मुख्यमंत्री राहतकोष में योगदान :
- तिरुवनंतपुरम डिवीजन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बाढ़ पीडि़तों की सहायता के लिए केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष में 65 लाख रुपये का योगदान दिया है। तिरुवनंतपुरम के डिवीजनल रेलवे प्रबंधक ने केरल के मुख्यमंत्री को 20 अगस्त, 2018 को चैक सौंपा।
छत्तीसगढ़ से चावल लेकर विशेष ट्रेन मुफ्त भेजी गई :
- छत्तीसगढ़ सरकार ने केरल के बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए रायपुर से 2500 टन चावल का एक रेक काझाकुटम भेजा है जिसके लिए केरल की रेलवे ने कोई मालभाड़ा नहीं लिया है।
केरल के लिए मुफ्त राहत सामग्री:
- रेलवे ने केरल के स्टेशनों के लिए 31 अगस्त, 2018 तक बाढ़ राहत सामग्री मुफ्त ले जाने का प्रबंध किया है।
- सरकारी एजेंसियों के अलावा डीएमआर द्वारा मंजूर प्रतिष्ठित संगठनों को बिना किसी लागत के राहत सामग्री केरल भेजने की इजाजत दी गई है।
- दक्षिण रेलवे के 11 प्रमुख पार्सल कार्यालयों में हेल्प डेस्क खोले गए हैं। ये हैं चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई एगमोर, मदुरै तिरुचिरापल्ली, सेलम तिरुनेलवेली, विल्लुपुरम, करूर, तिरुपूर, इरोड़ और कोयम्बटूर स्टेशन।
जरूरतमदों को कम्बल और बैडशीट :
- तिरुवनंतपुरम डिवीजन द्वारा राहत अधिकारियों को 3000 बैडशीट और 300 कम्बल सौंपे जा चुके हैं।
- राहत अधिकारियों को सौंपने के लिए 4000 बैडशीटों और 700 कम्बलों का प्रंबध किया जा रहा है।
सहायता सामग्री के साथ दक्षिण पश्चिम रेलवे वीपीयू :
- चावल, दाल, सूजी, आटा, तेल, चीनी, वस्त्र, दवाओं, ब्लीचिंग पाउडर आदि सहित बाढ़ राहत सामग्री को लेकर एसडब्ल्यूआर द्वारा एक वीपीयू यशवंतपुर से पलक्कड़ डिवीजन भेजा गया।
जल शोधक और अन्य सामग्री :
- ट्रेन संख्या 12626 द्वारा भेजे गए 150 जल शोधक आज वितरण के लिए केरल के पीरावम रोड़ पहुंच गए।
- खाद्य पैकेट, दवाएं, सैनीटरी नैपकिन, बिस्कुट, साबुन आदि सामग्री नियमित अंतराल पर प्राथमिकता के आधार पर केरल भेजी जा रही है।
सेंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड सेवा जरिए दक्षिण रेलवे चिकित्सा सहायता :
- दक्षिण रेलवे ने प्रमुख रेलवे स्टेशनों जैसे तिरुवल्ला, कोट्टायम, एर्नाकुलम और चेंगानूर में प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र खोले हैं।
- 8 लाख रुपये मूल्य की चिकित्सा राहत सामग्री वितरण के लिए चेंगानूर ले जाई जा रही है।
दक्षिण रेलवे की हरसंभव तरीके से मदद:
- तिरुवनंतपुरम और पलक्कड़ नियंत्रण कार्यालय में विशेष नियंत्रण प्रकोष्ठ खोले गए हैं जिन्हें अधिकारियों/व्यावसायिक निरीक्षकों का सहयोग मिल रहा है।
- तिरुवनंतपुरम सेंट्रल, एर्नाकुलम जंक्शन, अलैप्पी, नागरकोइल, त्रिचूर, मेंगलोर सेंट्रल, कन्नूर, कोझीकोड़, पलक्कड़, शोरानूर स्टेशनों पर यात्रियों की मदद के लिए हेल्प डेस्क, पूछताछ केन्द्र, टिकट रिफंड काउंटर खोले गए हैं।
- रेल सेवाओं और राहत/मरम्मत कार्यों के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए प्रेस और मीडिया बुलेटिन जल्दी जल्दी जारी किए जा रहे हैं।
मुफ्त आश्रय का प्रबंध :
- दोनों डिवीजनों में सभी यात्रियों के लिए मुफ्त एसी वेटिंग हॉल खोले गए हैं।
- फंसे हुए यात्रियों को शोरानूर में पंचायत सामुदायिक केन्द्र स्कूलों में ठहराया गया है।
- चेंगानूर में रेलवे परिसरों में स्थित एक यात्री केन्द्र को राहत शिविर में बदल दिया गया है। वहां 200 से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है। राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा खाद्य पैकेटों और पीने के पानी की व्यवस्था की गई है।
- फंसे हुए और रेलवे स्टेशनों विशेषकर तिरुवनंतपुरम डिवीजन के चलाक्कुडी और कोट्टायम सेक्शन और पलक्कड़ डिवीजन के शोरानूर स्टेशन में शरण लिए हुए लोगों को निकालने के लिए विभिन्न स्टेशनों और स्थानों पर स्टेशन कर्मचारी एनडीआरएफ अधिकारियों की सक्रिय होकर मदद कर रहे हैं।
खाद्यान का मुफ्त प्रबंध :
- सभी प्रमुख स्टेशनों, तिरुवनंतपुरम और पलक्कड़ में कैटरिंग प्रतिष्ठान चौबीस घंटे काम कर रहे हैं और भुगतान के आधार पर जरूरतमंदों को भोजन की आपूर्ति कर रहे हैं।
- पलक्कड़ डिवीजन में तिरुवनंतपुरम और शोरानूर के अलूवा – वडक्क्नचेरी सेक्शन में फंसे यात्रियों के लिए एनजीओ के जरिए खाद्य पैकेटों की आपूर्ति की जा रही है।
- शोरानूर – कालीकट सेक्शन में कार्यरत कर्मचारियों को खाद्य पैकेट वितरित किए गए हैं।
- 16 से 18 अगस्त, 2018 के दौरान चलक्कुड़ी और अलूवा में 12000 खाद्य पैकेटों की व्यवस्था की गई है।
- डिवीजनल कार्यालय के कर्मचारियों ने 4 लाख रुपये मूल्य की राहत सामग्री एकत्र की जिसे जिला प्रशासन को सौंप दिया गया।
एनडीआरएफ/राज्य सरकार के साथ एसआर के बचाव प्रयास :
- चलक्कुड़ी स्टेशन जो बाढ़ से घिर गया था, रेलवे कर्मचारियों ने एनडीआरएफ के अधिकारियों के साथ बचाव के अनेक प्रयास किए और रेलवे कर्मचारियों सहित अंतत: 50 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया।
- 17 और 18 अगस्त को एर्नाकुलम के नजदीक टावर कार से करीब 1000 स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाला गया। चोवारा स्टेशन से एक गर्भवती महिला को निकाला गया और हेलिकॉप्टर से त्रिचूर पहुंचाया गया जिसकी चौतरफा सराहना की गई।