नई दिल्ली: नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार से लड़ने के लिए सरकार की तैयारी के एक हिस्से के रूप में, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीआई) ने देश भर के सभी राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) एवं उनके छात्रावासों को कोविड-19 के लिए क्वारंटीन/आइसोलेशन केंद्रों के रूप में परिवर्तित करने का फैसला किया है। यह निर्णय मंत्रालय द्वारा महामारी के लिए केंद्र सरकार की तैयारी के प्रयासों के अनुरूप किया गया है जिसकी वजह से लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को प्रोत्साहित करने के लिए तीन सप्ताह का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन किया गया है।
एमएसडीआई ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को लगभग एक लाख कार्मिकों की सूची भी उपलब्ध कराई है जिन्हें स्किल इंडिया मिशन के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल कौशलों में प्रशिक्षित किया गया है। विभिन्न रोजगार भूमिका में प्रशिक्षित, ये उम्मीदवार प्रसार को नियंत्रित करने एवं स्थापित किए जा रहे नए क्वारंटीन/आइसोलेशन/अस्पताल सुविधा केंद्रों में संक्रमित लोगों के उपचार एवं देखभाल के प्रयासों को बढ़ावा देंगे।
इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ 2000 हेल्थकेयर प्रशिक्षकों एवं 500 से अधिक हेल्थकेयर एसेसर्स की सूची भी साझा की गई है।
इसके अतिरिक्त, कार्मिक मंत्रालय ने कारोना वायरस महामारी से लड़ने के सरकार के प्रयासों में मदद करने के लिए कम से कम एक दिन के वेतन का योगदान पीएम केयर्स फंड को देने का भी फैसला किया है।
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि एनएसटीआई को जोड़े जाने से अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों के लिए एक विकल्प उपलब्ध कराने के द्वारा वायरस द्वारा संक्रमित लोगों के उपचार में जिला एवं राज्य प्रशासनों को भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘ नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के अभूतपूर्व प्रसार द्वारा उत्पन्न वैश्विक आपातकाल को देखते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय इस महामारी से लड़ने में केंद्रीय सरकार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा।‘ हमने एनएसटीआई के सभी क्षेत्रीय निदेशकों से आग्रह किया है कि वे उत्पन्न होने वाली स्थिति की आवश्यकता की पूर्ति में सहायता करने के लिए पूरी तरह राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ सहयोग करें।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकारें भी इस कार्य के लिए आईटीआई के परिसरों का उपयोग कर सकती हैं।‘
प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा संचालित, एनएसटीआई वे उत्कृष्ट संस्थान हैं जो देश भर में फैले अपने प्रशिक्षण केंद्रों एवं छात्रावासों में विशिष्ट कौशलों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है। लगभग एक लाख उम्मीदवार, जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आपातकाल और आइसोलेशन कार्यों में सहायता देंगे, को विभिन्न रोजगार में प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
पीएमकेवीवाई स्वास्थ्य प्रशिक्षित : 92 ,040 आपातकालीन मेडिकल टेकनिशियन (बेसिक) : 989
रेडियोलॉजी : 373 होम हेल्थ ऐड : 1644
एक्सरे टेकनिशियन : 299 जनरल ड्यूटी सहायक : 10 ,172
अग्रिमपंक्ति स्वास्थ्य कार्यकर्ता : 530 फ्लेबोटोमी टेकनिशियन : 334
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय अपने रोजगारपरकता कौशलों को बढ़ाने पर फोकस करता है। अपनी शुरुआत से ही कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने नीति, संरचना एवं मानकों को औपचारिक रूप देने, नए कार्यक्रमों एवं योजनाओं को आरंभ करने, नई अवसंरचना का सृजन करने एवं वर्तमान संस्थानों का उन्नयान करने, राज्यों के साथ साझीदारी करने, उद्योगों के साथ सहयोग करने एवं कौशलों के लिए समाजगत स्वीकृति एवं आकांक्षाओं का निर्माण करने के लिहाज से उल्लेखनीय पहल और सुधार किए हैं। मंत्रालय का उद्वेश्य न केवल वर्तमान रोजगारों, बल्कि उन रोजगारों के लिए भी जिनका सृजन किया जाना है, के लिए नए कौशलों एवं नवोन्मेषण का निर्माण करने के लिए कुशल श्रमबल की मांग एवं आपूर्ति के बीच अंतराल को कम करना है। अभी तक स्किल इंडिया के तहत तीन करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। अपने प्रमुख कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 2016-2020 के तहत, मंत्रालय ने अभी तक 73 लाख से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है।