केन्द्रीय इस्पात और नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्पात क्षेत्र में हितधारकों से आग्रह किया है कि वे इस्पात क्षेत्र में तेजी लाने के लिए नए विचारों, नवाचारों और नई तकनीकों को अपनाएं। इस्पात मंत्रालय द्वारा आज यहां आयोजित चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए, इस्पात मंत्री ने उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्षमता और सामर्थ्य बढ़ाने के लिए टीम भावना, प्रेरणा, निरंतरता और निरंतर सीखने के महत्व पर बल दिया। इसके लक्ष्य श्री सिंधिया ने कहा, “नेतृत्व कुल मिलाकर करुणा, सहानुभूति, प्रेम और देखरेख करने के रवैये से जुड़ा है जो संस्था को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। सॉफ्ट स्किल का पहलू किसी व्यक्ति या संस्थान की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”
श्री सिंधिया ने इस्पात उद्योग के कच्चे माल के मुद्दों के साथ-साथ सर्कुलर अर्थव्यवस्था में उद्योग के योगदान पर विशेषज्ञों के दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने इस्पात क्षेत्र में रिवर्स लॉजिस्टिक्स की आवश्यकता पर बल दिया। इस्पात मंत्री ने कहा, संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों मेंउत्पादन और स्क्रैप के प्रति लाभ के तरीकों की पहचान करने और देश में सर्कुलेरेटी की तीव्रता को बढ़ाने के लिए नीतियों और संरचनाओं को तैयार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “हम इस्पात उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने और राष्ट्र के विकास के लिए इस्पात का उत्पादन बढ़ाने की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार हैं।”
चिंतन शिविर में इस्पात मंत्रालय में सचिव श्री एन.एन.सिन्हा, इस्पात सीपीएसई के वरिष्ठ अधिकारियों, अधिकारियों और इस्पात क्षेत्र के अन्य हितधारकों ने भाग लिया।