पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के तहत 19 सितंबर 2020 को “प्रमोटिंग डेस्टिनैशन विद ऑथेन्टकैटड क्विज़ीन” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया जिसमें भारत को विभिन्न व्यंजनों की भूमि के रूप में पेश किया गया। प्रत्येक राज्य, क्षेत्र और इलाके में अद्वितीय पारंपरिक व्यंजन होते हैं जो इसकी जलवायु के अनुकूल होते हैं। साथ ही स्थानीय स्तर पर जो अनाज, सब्जियां, मसाले, जड़ी-बूटियाँ और फल उपलब्ध होते हैं उन्हें विभिन्न तरीकों और प्रकारों से पकाया जाता है। भारत के पारंपरिक व्यंजन न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि बेहद स्वस्थप्रद भी हैं। साथ ही व्यंजनों में मिलाए गए मसाले और जड़ी-बूटियाँ प्रतिरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। देखो देश अपना वेबिनार श्रृंखला एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत भारत की समृद्ध विविधता को दर्शाने का एक प्रयास है और यह वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगातार एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रसार कर रहा है।
वेबिनार में तीन राज्यों – उत्तरांचल, पंजाब और दिल्ली के कुछ पारंपरिक व्यंजनों को प्रस्तुत किया गया। बर्ड ग्रुप की चेयरपर्सन श्रीमती राधा भाटिया, नई दिल्ली स्थित रोज़ेटी हाउस के इग्ज़ेक्यटिव शेफ श्री अनुज वधावन, ऋषिकेश स्थित रोज़ीइट गंगा के इग्ज़ेक्यटिव साउस शेफ श्री चेतन राणा और नई दिल्ली स्थित द रोज़ीइट के इग्ज़ेक्यटिव पेस्ट्री शेफ आनंद पवार ने वेबिनार प्रस्तुत किया था।
श्रीमती राधा भाटिया ने प्रतिष्ठित वर्ल्ड गौर्मंड अवार्ड जीता है जिसे उन्होंने वेबिनार में प्रस्तुत किया। उन्होंने ‘लस्सीस ऑफ इंडिया— स्मूदीज विद ए ट्विस्ट’ नामक एक किताब भी लिखी हैं। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत सभ्यता, परंपरा, संस्कृति, धर्म, मौसम की स्थिति और प्रकृति को लेकर की, जिसने भोजन तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। श्रीमती भाटिया ने आगे कहा कि भारत की सभ्यता पाषाण युग से शुरू होती है और परंपराओं, व्यंजनों और उनके मर्मों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया गया है। मुगलों, अफगानों और फारसियों जैसे आक्रमणकारी भी खाना बनाने के अपने तरीके और पाक शैली भारत लेकर आए। भारत में उगाए जाने वाले मसाले यूरोप और ब्रिटेन के नागरिकों के लिए व्यापार उद्देश्य का एक बड़ा आकर्षण था।। भारत एक रहस्यमय देश है जहां विभिन्न जलवायु परिस्थितियों, विभिन्न वनस्पति, मिट्टी, प्राकृतिक संसाधन, खाना पकाने की तकनीक आदि हैं।
शेफ चेतन राणा ने कद्दू के पत्ते भाजी, चटनी की रेसिपी बताई। साथ ही देखने और जानने के लिए उन्होंने दर्शकों के लिए लाइव खाना पकाया। उन्होंने मसाला मिला कर लोहे की एक कढ़ाई में खाना पकाया और कद्दू के पत्तों के प्राकृतिक स्वाद को बनाए रखने के लिए मसालों के कम इस्तेमाल पर जोर दिया। सिलबटटे का इस्तेमाल कर बनाई गई चटनी सुस्वादु और स्वादिष्ट होती है। उन्होंने काफुली, चटनी, फाणु, बाड़ी, चावल, कुमाउनी रायता, डुबुक, झंगोरा की खीर आदि से युक्त एक सुंदर सात्विक उत्तराखंड थाली भी प्रदर्शित की।
शेफ आनंद पंवार ने राम लड्डू, दौलत की चाट की रेसिपी साझा की और दर्शकों को देखने और सीखने के लिए लाइव कुकिंग की। उन्होंने, चांदनी चौक और इसके स्ट्रीट फूड के बारे में बात करते हुए खाने—पीने के अलग—अलग गलियों (गली) पर प्रकाश डाला जैसे कि परांठेवाली गली, चाटवाली गली आदि। राम लड्डू, चना और मूंग दाल में अदरक, जीरा, नमक मिला कर उसे तैयार किया जाता है और उसे तेल में तला जाता है और फिर उस पर सॉस, कच्चे प्याज, मूली और अनार रखा जाता है। चांदनी चौक में एक बहुत लोकप्रिय मिठाई मिलती है जिसे दौलत की चाट कहा जाता है जिसे सबसे पहले मुरादाबाद के खेम चंद ने बनाया था। यह मिठाई फुल क्रीम दूध, चीनी, ड्राई फ्रूट्स और केसर से तैयार की जाती है।
शेफ अनुज वधावन ने अवध भोजन और दम कुकिंग के बारे में बताया।। उन्होंने लाइव मुर्गज़ामेंडोज़ खाना पकाया। यह मसालेदार चिकन और रूमाली रोटी में रोल कर और दम में पका कर तैयार किया गया।
सभी शेफ को अपनी माताओं से खाना पकाने की प्रेरणा मिली और उनसे प्रोत्साहन मिला जिससे उन्होंने रसोइए के रूप में इस पेशे को अपनाया।
भारत अथिति देवो भव में विश्वास करता है और उसे बढ़ावा देता है जिसमें अतिथि को भगवान मानने की अवधारणा है। भारत सरकार के अपर महानिदेशक, सुश्री रूपिंदर बराड़ ने वेबिनार को बधाई दी और लोगों से खाना पकाने, अनुभव करने और सुंदर प्रकृति का आनंद लेने का आग्रह किया, जिससे हम सभी सुखी हैं। उसने प्रकृति का सम्मान करने और प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व की सीख देने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला को राष्ट्रीय ई गवर्नेंस विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ तकनीकी साझेदारी में प्रस्तुत किया गया है। वेबिनार के सत्र अब https://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ZEHDA/featured पर उपलब्ध हैं और भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सभी सोशल मीडिया हैंडल पर भी उपलब्ध हैं।
अगले वेबिनार का शीर्षक “रूरल टूरिज्म: फ्रॉम प्रीवीअस निच टू फ्यूचर नॉर्म” है जो 26 सितंबर 2020 को सुबह 11.00 बजे आयोजित की जाएगी। इसमें शामिल होने के लिए पहले से पंजीकरण करें :- https://digitalindiagov.zoom.us/webinar/register/WN_6ydAovSPQtaSCTwzaaNwtw