नई दिल्ली: देश में जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा समर्थित ईएमआरएस, आश्रम स्कूलों तथा अन्य स्कूलों के प्राचार्यों को संवेदनशील बनाने तथा शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने एवं दोनों मंत्रालयों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये। सहमति पत्र में विभिन्न गतिविधियां शामिल हैं जैसे स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सभी आयामों को विस्तार देना, यथा साप्ताहिक आयरन और फोलिक एसिड की गोली देना, पेट के कीड़े मारने के लिए गोली देना (द्विवार्षिक), प्राथमिक चिकित्सा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां। जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा समर्थित ईएमआरएस, आश्रम स्कूलों तथा अन्य स्कूलों के शिक्षक स्वास्थ्य और वेलनैस प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेंगे। प्रमुख प्रशिक्षक तथा जिलास्तर के प्रशिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण तथा स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की व्यवस्था की गई है। मंत्रालय द्वारा समर्थित सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे प्राचार्यों को संवेदनशील बनाने तथा शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने से संबंधित सहयोग स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय को प्रदान करें।
2013 में जनजातीय कार्य मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने जनजातीय स्वास्थ्य पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस समिति के अध्यक्ष डॉ. अभय बंग थे। समिति ने जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति का अध्ययन किया तथा जनजातीय क्षेत्र में स्वास्थ्य स्थिति और स्वास्थ्य देखभाल में अंतर के कारणों को प्रस्तुत किया। समिति ने जनजातीय क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल के अंतर को समाप्त करने के लिए एक रोड मैप भी सामने रखा। विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत की। 4 वर्षों के दौरान जनजातीय स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों से जुड़े आंकड़ों के संग्रह के आधार पर समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार की।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्वास्थ्य निरीक्षण सेवाओं को स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से विस्तार देने का प्रस्ताव दिया है।