नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद नाईक से आज अल्पसंख्यक नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात करके प्रधानमंत्री की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए की गई पहल की सराहना की। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाने की घोषण की गई हैं। प्रतिनिधिमंडल में उत्तर प्रदेश के मजलिस उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद कोकब मुजतबा आबिदी, दिल्ली के जमात उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना शुएब कासिमी, ऑल इंडिया जमात-ए-सलमानी बी के अध्यक्ष इरफान सलमानी देहलवी, जमात हुफाज इकराम के अध्यक्ष मौहम्मद सबरीन, दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधि अब्बास अली बोहरा, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के प्रौफेसर हनीफ खान शास्त्री शामिल थे।
दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधि अब्बास अली बोहरा ने उल्लेख किया कि जिन 177 देशों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए सह-प्रायोजक के तौर पर सहमति दी है उनमें से 47 देश इस्लामी देशों के संगठन से है। इन देशों ने भारतीय अभियानों में आयोजित किए जा रहे योग सत्रों में भागीदारी करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि भारतीय होने के नाते हम योग दिवस का समर्थन करते है क्योंकि भारत की पहल पर ही 21 जून, 2015 को संपूर्ण विश्व व्यापक स्तर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मना रहा है।
नेताओं ने उल्लेख किया कि वास्तव में नमाज में भी योग की मुद्राएं होती है। मंत्री महोदय ने कहा कि योग का किसी विशेष धर्म से कोई लेना देना नही है। योग तो सभी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। उन्होंने कहा कि किसी पर भी यह बाध्यता नही है कि वह योग करें किंतु यह शरीर और आत्मा के लिए अच्छा है इसलिए सभी को योग को अपने जीवन का एक अंग बनाना चाहिए और 21 जून, 2015 को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रमों में योगदान करते हुए प्रधानमंत्री के अभियान का समर्थन करना चाहिए।
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